कोटा में पहली बार सियासी पेपर वॉर, भाजपा के ‘ब्लैक पेपर’ के जवाब में कांग्रेस का ‘श्वेत पत्र’
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कोटा. सूबे की सियासत में पहली बार स्थानीय चुनाव इस कदर हाईटेक हुए कि सियासी दल एक दूसरे के सामने ‘पेपर वॉर’ के जरिए ताल ठोकते नजर आए। कोटा नगर निगम चुनावों में कांग्रेस को घेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया था, लेकिन दो दिन बाद ही कांग्रेस ने पलटवार करते हुए ‘श्वेत पत्र’ जारी कर दिया।
23 अक्टूबर को भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़, किरण माहेश्वरी और मदन दिलावर जैसे दिग्गज नेताओं ने कोटा नगर निगम चुनाव प्रचार की धार तेज करने के लिए अक्रामक रुख अपना लिया था। पार्टी के दिग्गज नेताओं ने न सिर्फ स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को निशाने पर लिया, बल्कि निकाय चुनाव के बहाने सूबे की सरकार को ही घेर लिया। हालांकि इस दौरान स्थानीय जनता को निराशा ही हाथ लगी, क्योंकि उनके लिए कोई खास वायदों की भाजपा घोषणा नहीं कर सकी।
जवाब में वायदों की झड़ी
भाजपा के ब्लैक पेपर के जवाब में कांग्रेस ने 28 अक्टूबर को श्वेत पत्र जारी कर दिया। जिसमें न सिर्फ भाजपा के आरोपों का जवाब दिया गया है, बल्कि कोटा की जनता के लिए वायदों की झड़ी लगा दी गई। चुनाव की कमान संभाल रहे मंत्री शांति धारीवाल की ओर से जारी इस पत्रक में पार्टी ने शहर में कराए जा रहे विकास कार्यों का लेखा जोखा भी पेश किया है।
काम का भरा दम
श्वेत पत्र में कांग्रेस ने बताया कि प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार की ओर से महज एक ही साल में 2980 करोड़ के विकास कार्य शुरू कराए गए हैं। 1400 करोड़ के काम तो सीवरेज और रिवर फ्रंट के ही हैं। जबकि 100 करोड़ की लागत से शहर के बीचों बीच ऑक्सीजोन स्थापित किया जा रहा है। श्वेत पत्र में 4000 से अधिक स्ट्रीट वेंडर, फुटपाथ व्यापारी और गरीबों को काम शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता देने, एमबीएस में 40 करोड़ की लागत से ओपीडी का निर्माण करवाने, विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के लिए निगमों का पुनर्गठन करने, बेरोजगारों को भत्ता, बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसे फायदे गिनाने के साथ ही कानून व्यवस्था और मंहगाई के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराने की भरकस कोशिश की गई है। श्वेत पत्र में कोटा के बासिंदों को जल्द से जल्द पट्टा आवंटन किए जाने का वायदा भी किया गया है।