आशा सहयोगिनी को चेक जारी करने के लिए मांगी 3500 रुपए की रिश्वत, सुपरवाइजर और कंप्यूटर ऑपरेटर हुए ट्रेप
TISMedia@कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही जारी है। एसीबी की टीम ने सहयोगिनी सुपरवाइजर व कंप्यूटर ऑपरेटर को रिश्वत लेते हुए ट्रेप किया है। दरअसल आरोपियों ने आशा सहयोगिनी को इंसेंटिव मानदेय टीए-डीए का चेक जारी करने के बदले में रिश्वत मांगी थी। मंगलवार को एसीबी ने कार्रवाई करते हुए सहयोगिनी सुपरवाइजर शकीला बानो और साथ में संविदा पर लगे कम्यूटर ऑपरेटर सत्य प्रकाश को भी पकड़ा।
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ऐसे सामने आया मामला
जानकारी के मुताबिक आशा सहयोगिनी का इंसेंटिव मानदेय टीए-डीए, पीएचसी सांगोद से उठता है। पीएससी दीगोद में अकाउंटेंट से संबंधित कार्य सुपरवाइजर के पद पर नियुक्त शकीला बानो करती है। सेक्टर की 5 आशा सहयोगिनियों को 7048 रुपए प्रत्येक को दिए गए थे। जिनके चेक जारी किए जा चुके थे। लेकिन चेक के बदले में शकीला बानो और कंप्यूटर ऑपरेटर सत्य प्रकाश सुमन 3,500 रुपए यानि चेक की आधी रकम रिश्वत के रूप में आशा सहयोगिनी से डिमांड करने लगे। इस पर परिवादी दाखा मेघवाल आशा सहयोगिनी सेक्टर देवपुरा, दीगोद ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद एसीबी ने कार्रवाई शुरू कर दी।
शिकायत के बाद एसीबी ने 23 अप्रैल को वेरिफिकेशन करवाया। सत्यापान के दौरान 1000 रुपए कि रिश्वत लेने की बात साबित हुई। आज एसीबी पुलिस निरीक्षक चन्द्र कंवर और नेरश चौहान की टीम ने सुपरवाइजर और कंप्यूटर ऑपरेटर को ट्रेप कर लिया। रिश्वत लेने के बाद दोनो को पकड़ा। शकीला बानो से रिश्वत की 2500 रूपए की रकम बरामद की गई। फिलहाल दोनो से पूछताछ जारी है।