सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगा प्रतिबंध, जानिए किन चीजों के इस्तेमाल पर कब से लगेगी रोक
केंद्र सरकार ने जुलाई 2022 से प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना की जारी
- 120 माइक्रोन से पतले पॉलीथिन बैग के निर्माण और खरीद पर सरकार ने लगाई रोक
- सिंगल यूज प्लास्टिक प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह बनी तो पर्यावरण मंत्रालय ने लिया सख्त फैसला
TISMedia@NewDelhi देश में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह साबित हुए सिंगल यूज प्लास्टिक पर केंद्र सरकार ने पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के आइटम्स पर 01 जुलाई 2022 से रोक लगाने की अधिसूचना जारी कर दी। जिसके बाद सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं की खरीद, बिक्री और निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी। इतना ही नहीं देश भर में 120 माइक्रोन से पतले पॉलीथिन बैग के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। फिलहाल देश में 50 माइक्रॉन से कम के पॉलीथीन बैग पर बैन है।
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दो चरणों में लागू होंगे प्रतिबंध
पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक प्लास्टिक पर प्रतिबंध के नए आदेश दो चरणों में लागू होंगे। पहले चरम में 1 जुलाई, 2022 से पॉलीस्टाइनिन और एक्सपैंडेड पॉलीस्टाइनिन सहित सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। जबकि 31 दिसंबर 2022 से 120 माइक्रोन से कम के बैग पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इन प्रतिबंधों के बाद सिंगल यूज वाली प्लास्टिक चीजों जैसे प्लास्टिक स्टिक, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक स्टिक, झंडे और कैंडी की प्लास्टिक स्टिक, आइसक्रीम की स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन यानि थर्मोकॉल आदि बेन हो जाएंगे। इसके अलावा प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे, मिठाई बक्से, निमंत्रण कार्ड, और सिगरेट के पैकेट पर लपेटे जाने वाली प्लास्टिक और 100 माइक्रोन से कम के पीवीसी बैनर पर दूसरे चरण में रोक लगाई जाएगी।
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प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह है सिंगल यूज प्लास्टिक
सिंगल यूज प्लास्टिक देश में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह बनकर सामने आया था। सबसे बड़ी समस्या इसके निस्तारण की थी। जिसकी प्रक्रिया खासी मंहगी और जटिल होने के कारण सिंगल यूज प्लास्टिक से निपटना बेहद मुश्किल हो रहा था। सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत पहले ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कचरे के निपटान के लिए वेस्ट मैनेजमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही थी, लेकिन जागरुकता की कमी के चलते सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल थम ही नहीं रहा था। नतीजन, महानगरों के बाहर कचरों के बड़े-बड़े पहाड़ बनने लगे थे। ऐसे में सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने फैसला लिया है।