अभिभाषक परिषद का निर्णय : कोरोना काल में कालाबाजारी करने वालों की पैरवी नहीं करेंगे वकील
कोटा. कोरोना कहर के बीच लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर अति आवश्यक वस्तुओं व दवाइयों की कालाबाजारी करने वाले मुनाफाखोर वास्तव में समाज के दुश्मन हैं। संकट की इस घड़ी में जहां जरूरतमंदों की आगे बढ़कर सहयोग किया जाना चाहिए वहीं, कुछ लोग आपदा के इस समय में लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मुनाफा कमाने से नहीं चूक रहे। कोटा अभिभाषक परिषद ने निर्णय लिया है कि कोरोना काल में किसी पर कालाबाजारी करने का मुकदमा दर्ज होता है तो कोई भी अधिवक्ता न्यायालय में उसकी पैरवी नहीं करेगा।
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अभिभाषक परिषद के महासचिव पदम गौतम ने बताया कि गुरुवार को परिषद अध्यक्ष मनोज गौतम की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक हुई। बैठक निर्णय लिया गया कि कोरोना महामारी में जीवन रक्षक दवाइयों, ऑक्सीजन व अन्य जरूरी वस्तुओं की कालाबाजारी करने वालों की कोई भी अधिवक्ता न्यायालय में पैरवी नहीं करेगा। बार एसोसिएशन ने नोटिस जारी कर सभी अधिवक्ताओं को सूचित कर दिया है कि ऐसे लोगों की कोई भी पैरवी नहीं करें।
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एडवोकेट इंतख्वाब अली ने कहा कि जहां पूरा देश इस महामारी से जूझ रहा है वहीं, लालची लोगों ने आपदा के इस समय को अवसर में बदल दिया। कुछ दिनों पहले रेमडेसिवीर, ऑक्सीजन सिलेंडर सहित अन्य अति आवश्यक दवाइयों की कालाबाजारी को लेकर समाज में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था। जिसके कारण राज्य सरकार को सभी मेडिकल व्यवस्थाओं को अपने हाथों में लेनी पड़ी। जिंदगियां बचाने के लिए गहलोत सरकार जहां पूरी ताकत झोंक रही है वहीं, लालची लोग सरकार के मंसूबे पर पानी फेर रहे हैं। जरूरमंदों को लूट रहे हैं। ऐसे लोग इंसानियत के दुश्मन हैं। इन्हें समाज में रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग को ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिए और इनकी पहचान कर पुलिस से पकड़वाना चाहिए।