Flood in Kota: जलजले में फंसे लोगों को बचाने सांगोद में उतरी सेना, 34 लोगों का किया रेस्क्यू
परवन और उजाड़ नदी के सैलाब में डूबा सांगोद, हालात बेकाबू हुए तो बुलानी पड़ी थी सेना
- आधी रात में ही सेना ने शुरू किया बचाव अभियान, सुरक्षित निकाले गए लोगों में 15 महिलाएं और 9 बच्चे
- संगोद के बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए अब भी जी जान से जुटी है भारतीय सेना
TISMedia@Kota हाड़ौती में सप्ताह भर से हाहाकार मचा रहे जल सैलाब ने सांगोद को अपनी जद में ले लिया। उजाड़ और परवन नदी में आई बाढ़ सांगोद के घरों में घुस गई। जिसके चलते तमाम लोग घरों में ही फंस गए। इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए जब सारी तरकीबें धरी रह गईं तो सरकार को सेना बुलानी पड़ी। भारतीय सेना के जवानों ने आनन-फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन अपने हाथ में लिया और 34 लोगों की जान बचा ली।
भारी बारिश के कारण शुक्रवार सुबह से ही परवान और उजाड़ नदी का उफान चरम पर था। जिसके चलते कोटा जिला के संगोद कस्बे और उसके आसपास के गांव बाढ़ के पानी में डूब गए। शुक्रवार शाम चार बजे के बाद जब हालात बेकाबू होने लगे तो खुद जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ और एसपी देहात मौके पर पहुंच गए। एसडीआरएफ की टीम को भी राहत और बचाव कार्य के लिए बुला लिया गया, लेकिन हालात फिर भी काबू नहीं आए तो बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए जिला कलक्टर को सेना बुलानी पड़ी।
गांडीव डिवीजन के जवानों ने बचाई जान
जिला कलक्टर का बुलावा आते ही कोटा की गांडीव इन्फैंट्री डिवीजन से तीन कालम जवान और अफसर आनन-फानन में कोटा से संगोद के लिए कूच कर गए। संगोद पहुच कर सेना के अधिकारियों और जवानों ने रात से ही जिला कलेक्टर और अन्य सरकारी अधिकारीयों के साथ मिल कर हालात का जायजा लिया और फंसे लोगों का रेस्क्यू शुरू कर दिया। तेज बारिश और अंधेरा होने के बावजूद सेना ने बाढ़ के बीच फंसे 34 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। रेस्क्यू ऑपरेशन में जिन लोगों को बचाया गया उनमें 9 बच्चे और 15 महिलाएं शामिल थीं। सेना के जवान अब भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में जुटी है। जिससे एक बार फिर साबित हो गया कि सेना युद्ध ही नहीं देश की हर मुसीबत में देश और उसकी जनता की रक्षा के लिए तैयार है।