मौसम का कहर : ओलावृष्टि से कोटा-बूंदी में फसलें तबाह, अन्नदाता की आंखों से छलके आंसू

TISMedia@Kota. कोटा जिले में शुक्रवार शाम तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से खेतों में फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि से खड़ी फसलें आड़ी पड़ गई है। कड़ी मेहनत से तैयार हुई फसलों को बर्बाद होता देख किसानों की आंखों से आंसू छलक पड़े। बेमौसम बारिश के साथ ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। तेज हवाओं से खेतों में लहरा रही फसलें धराशाई हो गई। सांगोद पंचायत समिति के पूर्व उप प्रधान नंदकिशोर मालव ने प्रशासन से फसल खराबा का सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा दिलवाने की मांग की। ओलावृष्टि से सालभर की मेहनत नुकसान में बदल गई। किसान पवन मीणा ने बताया की ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी गेहूं एवं चने की फसल टूट कर गिर चुकी है।

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कोटा-बूंदी में ओलावृष्टि ने ढहाया कहर
बेमौसम बारिश ने कोटा-बूंदी में जमकर कहर बरपाया। झमाझम बारिश के साथ गिरे ओलों ने फसलें तबाह कर डाली। बूंदी में दोपहर 12 बजे बाद आसमान में काली घटाएं छा गई। इसके बाद 20 मिनट तक तेज बारिश के साथ ओले गिरे। सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ। रघुनाथपुरा, टहला, बोरखेड़ा, बरवास सहित कई गांवों में ओलावृष्टि की जानकारी है। इसके अलावा तालेड़ा, बड़ानयागांव, जजावर सहित जिले के अधिकांश क्षेत्रों में तेज बारिश हुई।

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फसलों के नुकसान पर लोकसभा अध्यक्ष ने जताई चिंता
संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी में बारिश संग ओलावृष्टि से खेतों में तैयार फसलों को नुकसान पहुंचने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने दोनों जिलों के कलक्टर को फसलों में हुए नुकसान का जल्द से जल्द आंकलन कर रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए हैं। स्पीकर बिरला ने कहा कि अन्नदाता कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है। इस समय फसल या तो खेतों में तैयार खड़ी है या किसान उनकी कटाई कर चुके हैं। ऐसे में अचानक ओलावृष्टि ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है, जो दुखद है।

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