Corona Impact : कोटा के कोचिंग हॉस्टल संचालक गए पानी में….

कोटा. शहर में कोचिंग ( Kota Coaching ) शुरू करने की मांग को लेकर कोटा बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने शनिवार को पानी में रहकर प्रदर्शन किया। सदस्यों ने भीतरिया कुंड स्थित चंबल नदी में उतरकर नारेबाजी की। हाथों में थामी तख्तियां जिनमें ‘अबकी बार, आरपार, मत करो अत्याचार, शिक्षण संस्थान खोलो सरकार, कोटावासी हो गए बेरोजगार, मत गला घोटो शिक्षा का, होश में आओ सरकार जैसे स्लोगन लिखे हुए थे।

 

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कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि कोटा में कोचिंग संस्थान बंद हुए करीब 8 माह हो गए हैं। 3 हजार से ज्यादा हॉस्टल बंद पड़े हैं। कई हॉस्टल संचालकों पर बैंक का लाखों का लोन बकाया है। लोन की किश्तें नहीं चुका पाने से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।

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भूखे मरने की आ रही नौबत
सदस्यों का कहना है कि ऑटो चालक, मेस संचालक, फुटकर व्यवसायी सभी का रोजगार खत्म हो गया है। बेरोजगारी ( Unemployment ) के आलम में भूखे मरने की नौबत आ गई है। ( Coronavirus ) समस्याओं के समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर सरकार तक ज्ञापन दिया जा चुका है। आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं मिला। जल्द ही कोचिंग संस्थान नहीं खोले गए,तो बेरोजगारी में इजाफा होगा और हालात बिगडऩे की आशंका रहेगी। समिति सदस्यों ने कहा कि कोरोना गाइड लाइन की पूरी तरह से पालना की जाएगी बस सरकार कोचिंग संस्थानों के क्लास रूम शुरू करें।

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