Bhisham Sahni
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Art and Literature
गंगो का जाया… आज की कहानी
~भीष्म साहनी गंगो की जब नौकरी छूटी तो बरसात का पहला छींटा पड़ रहा था। पिछले तीन दिन से गहरे…
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ओ हरामजादे !… आज की कहानी
~भीष्म साहनी घुमक्कड़ी के दिनों में मुझे खुद मालूम न होता कि कब किस घाट जा लगूंगा। कभी भूमध्य सागर…
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Art and Literature
भाग्य-रेखा… पढ़िए आज की कहानी
~भीष्म साहनी कनाट सरकस के बाग में जहाँ नई दिल्ली की सब सड़कें मिलती हैं, जहाँ शाम को रसिक और…
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Art and Literature
गुलेलबाज़ लड़का… आज की कहानी
~भीष्म साहनी छठी कक्षा में पढ़ते समय मेरे तरह-तरह के सहपाठी थे। एक हरबंस नाम का लड़का था, जिसके सब…
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