Hindi Stories
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Art and Literature
चली कहानीः लोक-कथा दरख़्त रानी
पुराने ज़माने में किसी गाँव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। उसकी शादी को 20 साल हो गए थे पर…
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Art and Literature
चली कहानीः सिक्का बदल गया, पढ़िए कृष्णा सोबती की कहानी
खद्दर की चादर ओढ़े, हाथ में माला लिए शाहनी जब दरिया के किनारे पहुंची तो पौ फट रही थी। दूर-दूर…
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Art and Literature
यह कहानी नहीं: अमृता प्रीतम
पत्थर और चूना बहुत था, लेकिन अगर थोड़ी-सी जगह पर दीवार की तरह उभरकर खड़ा हो जाता, तो घर की…
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Art and Literature
चली कहानीः धर्मवीर भारती की “गुलकी बन्नो”
‘‘ऐ मर कलमुँहे !’ अकस्मात् घेघा बुआ ने कूड़ा फेंकने के लिए दरवाजा खोला और चौतरे पर बैठे मिरवा को…
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Art & Culture
बौड़म: आखिर लोग आपको बौड़म क्यों कहते हैं? पढ़िए साहित्य सम्राट मुंशी प्रेम चंद की कहानी
मुझे देवीपुर गये पाँच दिन हो चुके थे, पर ऐसा एक दिन भी न होगा कि बौड़म की चर्चा न…
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