Munshi Premchand
-
Art and Literature
नमक का दारोगा… आज की कहानी
~मुंशी प्रेम चंद जब नमक का नया विभाग बना और ईश्वरप्रदत्त वस्तु के व्यवहार करने का निषेध हो गया तो…
Read More » -
Art and Literature
लॉटरी… पढ़िए आज की कहानी
~मुंशी प्रेम चंद जल्दी से मालदार हो जाने की हवस किसे नहीं होती ? उन दिनों जब लॉटरी के टिकट…
Read More » -
Art and Literature
जुलूस… पढ़िए आज की कहानी
~मुंशी प्रेम चंद 1 पूर्ण स्वराज्य का जुलूस निकल रहा था। कुछ युवक, कुछ बूढ़े, कुछ बालक झंडियाँ और झंडे…
Read More » -
Art and Literature
पछतावा… पढ़िए आज की कहानी
~मुंशी प्रेम चंद 1 पंडित दुर्गानाथ जब कालेज से निकले तो उन्हें जीवन-निर्वाह की चिंता उपस्थित हुई। वे दयालु और…
Read More » -
Art and Literature
गुल्ली-डंडा… आज की कहानी
~मुंशी प्रेम चंद हमारे अँग्रेजी दोस्त मानें या न मानें मैं तो यही कहूँगा कि गुल्ली-डंडा सब खेलों का राजा…
Read More » -
Art and Literature
दो बैलों की कथा, कहानी हीरा मोती की: आज की कहानी
-मुंशी प्रेम चंद जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिमान समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को पहले दर्जे का…
Read More » -
Art and Literature
कफ़न: आज की कहानी
-मुंशी प्रेमचंद झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं…
Read More » -
Art and Literature
ईदगाह: वह कहानी, जो आज भी हमारे मन को झकझोरती है
-मुंशी प्रेमचंद रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के बाद ईद आई है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर…
Read More »