Story By Rabindranath Tagore
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Art and Literature
अनमोल भेंट:- मुन्ने की वापसी… आज की कहानी
~रबीन्द्रनाथ टैगोर 1 रायचरण बारह वर्ष की आयु से अपने मालिक का बच्चा खिलाने पर नौकर हुआ था। उसके पश्चात्…
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पिंजर… आज की कहानी
~रबीन्द्रनाथ टैगोर 1 जब मैं पढ़ाई की पुस्तकें समाप्त कर चुका तो मेरे पिता ने मुझे वैद्यक सिखानी चाही और…
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भिखारिन… आज की कहानी
~रबीन्द्रनाथ टैगोर 1 अन्धी प्रतिदिन मन्दिर के दरवाजे पर जाकर खड़ी होती, दर्शन करने वाले बाहर निकलते तो वह अपना…
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काबुलीवाला… आज की कहानी
~रबीन्द्रनाथ टैगोर मेरी पाँच वर्ष की छोटी लड़की मिनी से पल भर भी बात किए बिना नहीं रहा जाता। दुनिया…
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पोस्टमास्टर… पढिए आज की कहानी
~रबीन्द्रनाथ टैगोर काम शुरू करते ही पहले पहल पोस्टमास्टर को उलापुर गांव आना पड़ा। गांव बहुत साधारण था। गांव के…
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गिन्नी… आज की कहानी
~रबीन्द्रनाथ टैगोर हमारे पंडित शिवनाथ छात्रवृत्ति कक्षा से दो-तीन क्लास नीचे के अध्यापक थे। उनके दाढ़ी-मूँछ नहीं थी, बाल छँटे…
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