यूपी से कोटा कोचिंग करने आई बेटी अपनों से बिछड़ी, 15 साल बाद मिली तो मां के छलक उठे आंसू
कोटा. डॉक्टर-इंजीनियर बनाने का ख्वाब दिल में संजोए एक मां ने अपनी बेटी को पढऩे शिक्षा नगरी कोटा भेजा। बेटी को अपने से दूर अनजान जगह भेजना उस मां के लिए बिलकुल भी आसान नहीं था लेकिन सवाल बच्ची के भविष्य का था। मां ने दिल पर पत्थर रखा, अपनी मुस्कुराहट से आंखों से टपकते आंसूओं को छिपाया और ढेरों सलामती की दुआओं के साथ कलेजे के टुकड़े को अच्छी तालीम के लिए कोटा भेजा। ऐसे में अगर एक मां अपनी बच्ची से जुदा हो जाए तो आप उसके गम का अंदाजा खुद ही लगा सकते है। ऐसा ही एक वाक्या उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी एक मां के साथ घटित हुआ। कोटा आने के बाद बेटी मां से बिछड़ गई। वह बेटी की सलामती और खुद से मिलवाने की हर रोज दुआ करती। आखिरकार मां की बेटी से मिलने की हरसत 15 साल बाद कोटा में ही पूरी हुई। पन्द्रह साल पहले कोचिंग करने आई एक युवती शुक्रवार को अपना घर आश्रम में मां से मिली। दोनों भावुक हो गई और फफक पड़ी। बेटी को सही सलामत देख मां की आंखें खुशी से छलक पड़ी और अपना घर आश्रम के सदस्यों का आभार जताया।
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अपना घर आश्रम के सचिव मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि 14 दिसम्बर की रात महावीर नगर थाने से उनके पास फोन आया था कि 35 वर्षीय युवती सहमी हुई लावारिस अवस्था में है, जिसे आश्रम में प्रवेश दिला दें। आदिनाथ सेवासाथियों के साथ आश्रम पहुंचे, जहां रात्रि नर्सिंग प्रभारी साहिना परवीन को निर्देश देते हुए महावीर थाने से महिला पुलिसकर्मी एवं हैड कांस्टेबल हरिओम के साथ आई महिला को प्रवेश देने की बात कही। चार दिन तक चली कॉउंसलिंग के दौरान जूही ने अपने को बरेली निवासी बताया। उसने कहा कि वह 15 वर्ष पहले कोटा में कोचिंग के लिए आई थी। इसके बाद लौटकर घर नहीं गई, अब घर वाले आते हैं तो वह उनके साथ जाने को तैयार है।
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अपना घर आश्रम प्रशासन ने बरेली में जूही के परिजनों को ढूंढा और उनसे फोन पर बात की। जिस पर परिजनों को विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने तुरन्त कोटा पहुंचने की बात कहीं। शुक्रवार को जूही की मां और भाई उसे लेने पहुंचे। महावीर नगर थाना पुलिस के समक्ष महिला का पुनर्वास किया। महिला एवं पुलिस के अनुसार जिसके पास वह कोटा में रह रही थी, उसका 14 दिसम्बर को बीमारी से निधन हो गया और वह बेघर हो गई। मां-बेटी के इस मिलन को देख स्टूडियो में सभी दर्शक भावुक हो गए। साथ ही महिला की आंखों से आंसू छलक उठे।