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Flood In Kota: दर्जनों बस्तियां पानी में डूबीं, एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन लोगों को बचाने में जुटे

लबालब हुआ कोटा बैराज, 10 गेट खोलकर निकाला जा रहा है चम्बल का पानी

  • खातौली में हुई सबसे ज्यादा 42 एमएम बारिश, पीपल्दा में 38 और लाड़पुरा तहसील में 33 एमएम बारिश 
  • चम्बल वैली में पानी की तेज आवक के चलते चारों बाधों के गेट खोलकर की जा रही है पानी की निकासी 

TISMedia@Kota पांच दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश के चलते हाड़ौती संभाग में हाहाकार मचा हुआ है। चम्बल नदी में पानी की आवक बढ़ने से चम्बल वैली में स्थापित चारों बांधों के गेट खोलकर करीब दो लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। तेज बारिश के चलते कोटा शहर के भीतर नालों में उफान आने से दर्जनों निचली बस्तियों में बाढ़ आ गई है। पुलिस-प्रशासन लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटा है।

पूर्वी राजस्थान और मध्यप्रदेश में लगातार तेज बारिश होने से कोटा में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। हालत यह है कि शहर के भीतर बसे अनन्तपुरा, कन्सुआ और  कोटा जंक्शन के आसपास के इलाकों में कई फीट पानी भर गया है। कन्सुआ नाले में तेज उफान आने से कन्सुआ महादेव मंदिर के आसपास से लेकर डीसीएम चौराहे तक का पूरा इलाका पानी में डूब गया है। पानी के तेज बहाव के कारण गलियों के हालात नहरों जैसे हो गए हैं। लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। प्रेम नगर और मल्टी मेटल्स के आसपास की बस्तियों में पानी का तेज बहाव जारी है। वहीं पुलिस प्रशासन को मकानों के ढ़हने की चिंता सता रही है। जिसकी वजह से इन मकानों में रह रहे लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित ठिकानों की ओर ले जाया जा रहा है।

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अनन्तपुरा कच्ची बस्ती डूबी 
वहीं दूसरी ओर अनन्तपुरा थाने के पीछे का पूरा इलाका भी तेज बारिश के कारण बाढ़ की चपेट में है। निचली बस्तियों में आठ से दस फीट पानी भर चुका है। दूर-दूर बने मकानों की नींव धंसने की आशंकाएं जताई जा रही है। पानी से घिरे लोग बचने की कोशिश में छतों पर चढ़ गए हैं। हालांकि, पुलिस प्रशासन इस इलाके से लोगों को निकालने की लगातार कोशिश कर रहा है, लेकिन स्थानीय लोग घर छोड़ने को राजी नहीं है। जिससे दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। गोबरिया बाबड़ी इलाके में भी जलभराव के हालात हैं। स्टील ब्रिज के पास हाल ही में बने 80 फुटा रोड का करीब 250 मीटर का हिस्सा और सुरक्षा दीवार भी ढ़ह गए।

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खुले चारों बाधों के गेट 
चम्बल और उसकी सहायक नदियों के साथ-साथ बरसाती नालों में उफान आने के कारण चम्बल नदी पर बने चारों बाधों में पानी तेजी से बढ़ने लगा है। हालात पर काबू पाने के लिए करीब 2 लाख क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है। दोपहर दो बजे तक गांधी सागर से 1296.95 और राणा प्रताप सागर से 1148.91 क्यूसेक पानी की निकासी की गई। वहीं जवाहर सागर के पांच गेट खोलकर करीब 77 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। जिसके चलते दोपहर होने तक कोटा बैराज के 10 गेट खोलने पड़े। कोटा बैराज से 78 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई है। चम्बल वैली के चारों बाधों से पानी छोड़ो जाने के कारण चम्बल की डाउन स्ट्रीम में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। जहां निचले इलाकों में बसे लोगों को सुरक्षित ठिकानों की ओर ले जाया जा रहा है।

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रेलवे ट्रैक धंसा, दिल्ली मुम्बई रेल मार्ग बाधित 
रेलवे ने कोटा मंडल के कोटा-सवाईमाधोपुर रेलखंड के बीच बारिश से रेल लाइन पर पानी भरने से चार ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए है। इंदरगढ़ स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक ही धंस गया। जिसके चलते दिल्ली मुम्बई रेल मार्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशि किरण ने बताया कि ट्रेन नंबर 02956, जयपुर-मुम्बई सेट्रल स्पेशल जयपुर से मुम्बई सेंट्रल जाती है। इसे अजमेर-चंदेरिया-चित्तौडगढ-कोटा होकर संचालित किया जाएगा, ट्रेन नंबर 02460 इंदौर-जोधपुर स्पेशल अजमेर-फुलेरा-मेडता रोड होकर संचालित होगी। साथ ही ट्रेन नंबर 09040, बरौनी-बान्द्रा टर्मिनस स्पेशल सवाईमाधोपुर-जयपुर-रतलाम होकर संचालित होगी। वहीं ट्रेन नंबर 09042, गाजीपुर सिटी-बान्द्रा टर्मिनस स्पेशल सवाईमाधोपुर-जयपुर-रतलाम होकर संचालित होगी। भारी बरसात के कारण सड़क मार्ग पहले से ही पूरी तरह जलमग्न है। कनेक्टिंग के लिए रेल मार्ग ही एक मात्र सुरक्षित साधन था। अब ट्रेक भी बरसात के कारण प्रभावित हो रहे है। इससे लोगों को परेशानी होने लगी है।

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