ड्यूटी से लौट रहे दो दोस्तों को मिनी ट्रक ने कुचला, 15 फीट दूर खाई मिली खून से सनी लाशें…

कोटा. कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में हैंगिग ब्रिज स्थित डाबी रोड पर गुरुवार देर रात मिनी ट्रक की टक्कर से बाइक सवार दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। ( Road Accident )  पुलिस ने शवों को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाकर परिजनों को घटना की जानकारी दी। शुक्रवार सुबह पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए। पुलिस ने मिनी ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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एमबीएस चौकी से मिली जानकारी के अनुसार टीचर्स कॉलोनी केशवपुरा निवासी विष्णु प्रजापत (34) व बसंत विहार निवासी विजेन्द्र सिंह (35) को देर रात गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था। चिकित्सकों ने जांच के बाद चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मृतक के चाचा दीनदयाल प्रजापत ने बताया कि विष्णु जयपुर विघुत वितरण निगम तालेड़ा में टेक्निशियन के रूप में कार्यरत था। वह गुरुवार सुबह 9 बजे करीब अपने दोस्त विजेंद्र के साथ बाइक पर ड्यूटी के लिए घर से निकला था। वहां से रात को घर लौटते समय हैंगिग ब्रिज के पास पीछे से आ रहे मिनी ट्रक ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। इससे दोनों युवक उछलकर रोड किनारे खाई में जा गिरे। सिर में गंभीर चोट आने से खून अधिक बह गया। इसी बीच जयपुर से कोटा लौट रहे गर्वमेंट कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सचिन चौधरी ने एम्बुलेंस बुलवाकर दोनों युवकों को एमबीएस अस्पताल पहुंचाया।

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हाइवे से 15 फीट दूर मिली लाश
प्रत्यक्षदर्शी पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सचिन चौधरी ने बताया कि वे रात 9.30 बजे करीब जयपुर से कोटा आ रहे थे। हैंगिंग ब्रिज के पास कोटा-चित्तोड़ हाइवे की बीच सड़क पर मिनी ट्रक था और एंडिगेटर चल रहा था। इस पर अपने साथियों के साथ कार से उतर कर मिनीट्रक के पास गए तो उसमें ड्राइवर नहीं मिला। 10 फीट दूर क्षतिग्रस्त बाइक व जूते पड़े मिले। हादसे की आशंका होने पर कुन्हाड़ी पुलिस को फोन किया। लेकिन, नेटवर्क समस्या के कारण फोन नहीं लग सका। इसके बाद थोड़े आगे खाई में दो युवक करीब 10-10 फीट की दूरी पर खून से लथपत हालत में मिले। इस पर 100 नंबर डायल कर एम्बुलेंस बुलाई, जो आधे घंटे बाद मौके पर पहुंची।

एम्बुलेंस में नहीं था स्टाफ व मेडिकल किट
चौधरी ने बताया कि मौके पर पहुंची एम्बुलेंस में ड्राइवर के अलावा कोई नर्सिंग स्टाफ नहीं था। पूछने पर उसने स्टाफ की कमी बताई। साथ ही कोरोना रोकथाम के लिए न तो सेनेटाइजर थे और नहीं प्राथमिक उपचार के लिए मेडिकल किट।

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गंभीर घायलों को हाथ लगाने से किया मना
दुर्घटना में गंभीर घायल जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाने के बजाए एम्बुलेंस चालक ने घायलों को हाथ लगाने से ही इंकार कर दिया। फिर पुलिस को मौके पर बुलाने की बात पर अड़ गया। इस पर चौधरी ने कुन्हाड़ी थाने में फोन लगाया तो नेटवर्क नहीं मिलने से फोन नहीं लगा। काफी समझाइश के बाद एम्बुलेंस चालक घायलों को लेकर रात 10.30 बजे करीब एमबीएस के लिए रवाना हुआ।

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टोल नाके पर नहीं है एम्बुलेंस
चौधरी ने बताया कि दुर्घटना से करीब 21 फीट दूर फोरलेन हाइवे पर हैंगिंग ब्रिज टोल नाका है। यहां एक भी एम्बुलेंस नहीं है। जबकि, सभी स्टेट व नेशनल हाइवे टोल नाके पर एम्बुलेंस की व्यवस्था होती है। एम्बुलेंस के मौके पर पहुंचने और अस्पताल रवाना होने तक करीब डेढ़ से 2 घंटे का समय बर्बाद हो गया। समय पर एम्बुलेंस आ जाती तो शायद दोनों युवकों की जान बच सकती थी।

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