कोर्ट का फैसला : दहेज हत्या का आरोपी पति को 10 साल की सजा
सास और ननद साक्ष्य के अभाव में बरी
TISMedia@Kota. दहेज हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपी पति को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जबकि सास और ननद को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। विशिष्ट लोक अभियोजक भूपेंद्र मित्तल ने बताया कि कनवास उपखंड के मुंडक्या गांव निवासी फरियादी रामकिशन कनवास थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था था कि उसकी छोटी बेटी दमयंती उर्फ दिव्या की शादी 9 मई 2016 को कनवास के महेंद्र उर्फ सोनू के साथ हुई थी। शादी के बाद से महेंद्र दमयंती को परेशान करता रहता था। दहेज में गाड़ी की मांग करता था। दहेज नहीं देने पर दूसरी शादी करने की धमकी देता रहता था। इससे दमयंती तनाव में रहने लगी।
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पति महेंद्र ,सास आरती बाई और ननंद अंजली ने दहेज की मांग को लेकर दमयंती को घर से भी निकाल दिया था। तब समाज के लोगों की समझाइश के बाद 10 अगस्त 2017 को बेटी दमयंती को वापस ससुराल भेजा। उसी दिन शाम को उसकी ननद का फोन आया। ननद ने बताया कि भाभी (दमयंती ) की तबीयत ज्यादा खराब है, कनवास आ जाओ। जब वह कनवास पहुंचे तो उसकी बेटी की कमरे में लाश मिली। ससुराल वालों से मृत्यु का कारण पूछा तो कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद फरियादी ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया था।
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शिकायत पर पुलिस ने आरोपी महेंद्र उर्फ सोनू, सास आरती बाई एवं ननद अंजली उर्फ लल्ला बाई को गिरफ्तार किया था। अनुसंधान के दौरान तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 304 बी/34 एवं 201/34 में न्यायालय में चालान पेश किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी सास आरती बाई एवं अंजली उर्फ लल्ला बाई को दोषमुक्त कर दिया। जबकि, आरोपी महेंद्र उर्फ सोनू को 10 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है।