आंख खुलने से पहले ही 100 जवानों के साथ पहुंचा बुलडोजर, दीवारें हिली तो भागे लोग
– यूआईटी ने करोड़ों की जमीन से हटवाया अतिक्रमण
– रेस्टोरेंट व होजरी सेल पर चला बुलडोजर
– अतिक्रमण निरोधी दस्ते ने एक ही दिन में दो जगह की कार्रवाई
कोटा. यूआईटी के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने शहर में दो अलग-अलग जगहों पर अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। पहली पत्थरमंडी सुभाष नगर योजना में व दूसरी तलवंडी योजना। यहां बेशकीमती सरकारी जमीनों पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा था। कच्चे-पक्के निर्माण कर इन जगहों का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा था। जब अतिक्रमण हटाने के नोटिस का अतिक्रमियों पर असर नहीं हुआ तो बुधवार अल सुबह यूआईटी अधिकारी 100 जवानों का दस्ता लेकर पहुंच गया।
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लोगों से स्वयं सामान निकालने व जगह खाली करने की मुनादी की गई। इसके बाद जमीनों पर हो रहे कच्चे-पक्के निर्माणों पर यूआईटी का बुलडोजर ऐसा चला कि दो घंटे में ही जमीन समतल नजर आने लगी। कार्रवाई के दौरान लोगों ने विरोध भी किया लेकिन भारी पुलिस बल और होमगार्ड जाब्ता देख उन्होंने पीछे हटने में ही अपनी भलाई समझी। पत्थरमण्डी सुभाष नगर योजना में 35 भूखण्डों व 44 दुकानों की जगह पर पत्थर के स्टोक लगाकर लगभग 70 लोगों ने अवैध कब्जे कर रखा था। नोटिस के बाद भी अतिक्रमियों ने अतिक्रमण नहीं हटाए। इस पर न्यास के दस्ते ने जेसीबी की सहायता से सभी अवैध कब्जे ध्वस्त किए।
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यूआईटी के तहसीलदार रामकल्याण यादवेंद्र का कहना है कि उडिय़ा बस्ती की जमीन पर पहले अतिक्रमण हटाया था। इस जमीन पर यूआईटी और राजेश अग्रवाल के बीच कोर्ट केस चल रहा है। अग्रवाल ने कॉमर्शियल उपयोग के लिए जमीन दो लोगों को किराए पर दे दी थी। जिसमें एक पर होजरी और दूसरे पर रेस्टोरेंट शुरू हो गया था। इन लोगों ने आगे की तरफ पक्का निर्माण कर लिया था। वहीं, पीछे की तरफ टीन शेड लगाकर पूरी जमीन कवर कर ली। यूआईटी के दूसरे तहसीलदार कैलाश प्रसाद मीणा का कहना है कि पहले भी कई बार इसको नोटिस दिए जा चुके हैं। करीब 2 महीने पहले यूआईटी के उप सचिव ने राजेश अग्रवाल को नोटिस जारी किया था।
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