JK Lone Hospital : पहले कुर्सी छिनी, अब नौकरी के पड़े लाले
-जेके लोन में शशु रोग विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. अमृत बैरवा एपीओ
– तीन नर्सिंग स्टाफ एपीओ
TISMedia@Kota. जेके लोन अस्पताल में 9 बच्चों की मौत के मामले ( Infants Death Case in JK Lone Hospital ) में लापरवाह रहे अफसरों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त रवैया अपनाए हुए है। अस्पताल अधीक्षक, शिशु रोग विभागाध्यक्ष व नर्सिंग अधीक्षक के बाद अब शिशु रोग विभाग के वरिष्ठ आचार्य पर गाज गिरी। सरकार ने गुरुवार को आदेश जारी कर डॉ. अमृत लाल बैरवा को एपीओ कर दिया है। बैरवा का मुख्यालय निदेशालय चिकित्सा शिक्षा जयपुर में रहेगा। वहीं, पोस्टनेटल वार्ड में कार्यरत तीन नर्सिंग स्टाफ को सस्पेंड कर दिया है।
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मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि डॉ. बैरवा को एपीओ कर दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा ग्रुप-1 विभाग के संयुक्त शासन सचिव सुनील शर्मा ने यह आदेश जारी किए है। वहीं, पोस्ट नेटल वार्ड में कार्यरत एएनएम सावित्री राठौर, पुष्पलता सक्सेना व नर्सिंग ग्रेड द्वितीय रोजी शर्मा को सस्पेंड कर दिया है।
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गौरतलब है कि 10 दिसम्बर को 8 घंटे में 9 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था। बच्चों की मौत से कोटा का जेकेलोन अस्पताल देशभर में सुर्खियों में रहा। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर जमकर हमले किए। इसके बाद सरकार एक्शन मोड में आई और अपनी टीम भिजवाकर पूरे मामले की जांच करवाई। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के पांच दिन बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा को पद से हटाकर उनकी जगह फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. अशोक मूंदड़ा को नया अधीक्षक बनाया था। उसी दिन पीडियाट्रिक एचओडी डॉ. बैरवा को भी पद से हटाकर उनकी जगह डॉ. अमृता मयंगर को पीडियाट्रिक्स का एचओडी बनाया था। अगले दिन नर्सिंग अधीक्षक रामरतन मीणा को पद से हटाया था। अब 24 दिसम्बर को जेकेलोन अस्पताल में शशु रोग विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. अमृत लाल बैरवा को एपीओ कर दिया गया।