खबरों का खौफ: तो! भास्कर की तीखी पत्रकारिता से डरी सरकार, आप भी देखिए कौन सी हैं वह खबरें
भास्कर ने पोर्टल पर अपलोड की खबरें, लिखाः गंगा में तैरती लाशों और मौत के सही आंकड़े बताने की सजा
- आईटी रेड के बाद सरकार के खिलाफ खुलकर खड़ा हुआ दैनिक भास्कर समूह, बताया सियासी साजिश
TISMedia@Kota तो, सरकार खबरों से डर गई! आयकर छापों के बाद दैनिक भास्कर समाचार समूह ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भास्कर ने आयकर की छापेमारी को सच्ची पत्रकारिता पर प्रहार बताते हुए अपने पोर्टल www.bhaskar.com पर बकायदा खबरों की कतरनें डालकर लिखा है कि यह पत्रकारों को डराने की कोशिश है। भास्कर ने “गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़े देश के सामने रखने वाले भास्कर ग्रुप पर सरकार की दबिश” शीर्षक के साथ यह खबर डिजिटल प्लेटफार्म पर पोस्ट की है।
यह भी पढ़ेंः दैनिक भास्कर और भारत समाचार के ठिकानों पर IT की रेड, पत्रकारों के घरों पर पहली बार छापेमारी
भास्कर के न्यूज पोर्टल पर अपलोड की गई इस खबर में समूह ने लिखा है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी खामियों की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकार ने दबिश डाली है। भास्कर समूह के कई दफ्तरों पर गुरुवार तड़के इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है। विभाग की टीमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान स्थित दफ्तरों पर पहुंची हैं और कार्रवाई जारी है।
आटी रेड की आड़ में पत्रकारों को किया प्रताड़ित!
आईटी रेड की विस्तृत जानकारी देते हुए इस खबर में भास्कर समूह ने लिखा है कि “इसके साथ ही आईटी टीम ने भास्कर में काम करने वाले कई लोगों के घरों पर भी रेड की है। दफ्तरों में मौजूद कर्मचारियों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। नाइट शिफ्ट के लोगों को भी दफ्तर से बाहर जाने से रोक दिया गया है। रेड में शामिल अधिकारियों का कहना है कि वो इनके प्रोसेस का हिस्सा है और पंचनामा होने के बाद इन्हें जाने दिया जा रहा है। डिजिटल की नाइट टीम दोपहर साढ़े बारह बजे रिलीज की गई। भोपाल और अहमदाबाद समेत जहां-जहां छापेमारी हुई है वहां भास्कर की डिजिटल विंग में कई महिला कर्मचारी भी काम पर मौजूद हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि IT टीम में कोई भी महिला मेंबर नहीं है। टीम के आला अधिकारियों ने अब तक इस कार्रवाई का कोई कारण साफ नहीं किया है।
सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार!
भास्कर ने इस खबर में करीब दर्जन भर खबरों की कतरने पोस्ट कर लिखा है कि “दूसरी लहर के दौरान 6 महीने तक भास्कर ने देश और कोरोना प्रभावित प्रमुख राज्यों में असल हालात को पूरे दमखम के साथ देश के सामने रखा है। गंगा में लाशें बहाए जाने का मामला हो या फिर कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाने का खेल, भास्कर ने निडर पत्रकारिता दिखाई और जनता के सामने सच ही रखा। हमारी खबरों से क्यों डर रही है सरकार! उसे तो ऐसे में व्यवस्थागत खामिया दूर कर जनता की ज्यादा से ज्यादा मदद करनी चाहिए थी।“
खबरों के प्रकाशन पर लगाई पाबंदी!
भास्कर के न्यूज पोर्टल पर चली इस खबर में दावा किया गया है कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने खबरों के प्रकाशन तक पर पाबंदी लगा दी है। खबर में लिखा है कि “इस खबर को पब्लिश करने से पहले ग्रुप पर रेड डालने वाले अधिकारियों को भी दिखाया गया। उन्होंने हमसे कहा था कि आप जो कुछ भी पब्लिश करेंगे, उसे हमें दिखाकर ही पब्लिश करेंगे।“
आप भी देखिए वह खबरें, जिन्हें दैनिक भास्कर समूह ने आयकर छापों के जवाब में लिखी खबर का हिस्सा बनाया हैः- पढ़ें भास्कर डिजिटल पर प्रकाशित पूरी खबरः- खबरों से डरी सरकार!
(खबरों की कतरनें साभारः Bhaskar Digital)