21 अप्रैलः हिंदुस्तान में आज ही के दिन पड़ी थी मुगल साम्राज्य की नींव
कोटा. 21 अप्रैल का… बाजीराव से लेकर बहलोल लोधी तक ने इसी रोज सत्ता संभाली… इसी रोज बाबर ने लोधी को शिकस्त दे हिंदुस्तान में मुगल साम्राज्य की नींव रखी… इसी रोज शायर इकबाल ने दम तोड़ा तो इसी रोज यूनान ने जर्मनी के आगे घुटने टेके। 21 अप्रैल यानि सल्तनतों के बनने बिगड़ने के इस दिन के तौर पर इतिहास की तारीखों में हमेशा याद रखा जाएगा।
पानीपत की पहली लड़ाई
बात हिंदुस्तान की कीजाए तो 21 अप्रैल का दिन देश के इतिहास में निर्णायक मोड़ लेकर आया था। इसी रोज पानीपत के मैदान में दो मुस्लिम शासकों के बीच सबसे बड़ा और एतिहासिक युद्ध हुआ। इसी रोज हिंदुस्तान की सरजमीं पर पहली बार युद्ध में तोपों का इस्तेमाल किया गया। साल था 1526, जब काबुल के शासक जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर और दिल्ली सल्तनत के सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत की पहली लड़ाई हुई। इस लड़ाई में बाबर ने तोपों का इस्तेमाल कर लड़ाई का रुख ही बदल कर रख दिया था। तोपों की गूंज ने हिंदुस्तान में सालों से चली आ रही परंपरागत युद्ध शैली का इस्तेमाल करने वाले लोदी की हार सुनिश्चित कर दी। हुआ यूं कि लोधी पानीपत के मैदान में हाथियों की परंपरागत ताकत के दम पर जंग के लिए मैदान में उतरा, लेकिन बाबर की सेना संख्या में कम होने के बावजूद तोपों की ताकत के बूते लोदी की सेना पर भारी पड़ी। इस लड़ाई में लोदी मारा गया और भारत में मुगल साम्राज्य की नींव पड़ गई।
दुनिया ने देखा चीन का खूनी चेहरा
21 अप्रैल 1989 को चीन के थियानमेन चौक पर 10 लाख से अधिक प्रदर्शनकारी जमा हुए और आजादी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर संख्या छात्रों और नौजवानों की थी। छह सप्ताह से चले आ रहे चीन के इस सबसे लंबे प्रदर्शन को चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने बड़ी बेहरमी से कुचला था। 04 जून 1989 की रात चीनी सुरक्षाबलों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसायी और उन पर टैंक चलवा दिये। कहा जाता है कि इसमें 10 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी मारे गए। थियानमेन चौक और आसपास के इलाकों में हर तरफ प्रदर्शनकारियों की लाशें बिछ गयीं। एक प्रदर्शनकारी टैंक के सामने खड़े होकर अपना विरोध जता रहा था। सामने आती टैंकों से भी वह न तो विचलित हुआ और न ही अपने कदम खींचे। टैंकों ने उसे रौंद दिया। यह तस्वीर इस नरसंहार के साथ-साथ प्रतिरोध की प्रतिनिधि तस्वीर के रूप में दुनिया के सामने आई। अमेरिकी फोटोग्राफर चार्ली कोल ने इसकी तस्वीर उतारकर चीन का खौफनाक चेहरा दुनिया के सामने उजागर किया। वे टैंकमैन के नाम से दुनिया भर में मशहूर हुए।
21 अप्रैलः भारत की प्रमुख:-
1451 – लोदी वंश का संस्थापक बहलोल खां लोदी दिल्ली का शासक बना।
1526 – मुगल शासक बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी मारा गया।
1720 – बाजी राव प्रथम पेशवा बालाजी विश्वनाथ के उत्तराधिकारी बने।
1938 – मशहूर शायर मोहम्मद इकबाल का लाहौर में निधन। बंटवारे के बाद वह पाकिस्तान चले गए थे।
1996 – भारतीय वायु सेना के संजय थापर को पैराशूट के जरिए उत्तरी धुव्र पर उतारा गया।
2013 – भारतीय गणितज्ञ एवं ज्योतिष शकुन्तला देवी का निधन हुआ।
2015 – भारतीय राजनीतिज्ञ एवं राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जानकी बल्लभ पटनायक का निधन।
21 अप्रैलः विश्व की प्रमुख:-
1572 – फ्रांस और इंग्लैंड के बीच स्पेन के खिलाफ सैन्य समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
1654 – इंग्लैंड और स्वीडन के बीच व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर।
1739 – स्पेन और आस्ट्रिया के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
1782 – थाईलैंड की राजधानी बैंकाक शहर की स्थापना हुई।
1895 – अमेरिका में विकसित पहले फिल्म प्रोजेक्टर ‘पैनटॉप्टिकॉन’ का प्रदर्शन किया गया।
1910 – टॉम सायर तथा हकलबरी फिन जैसे संजीदा किरदारों के रचियता अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन का निधन।
1926- इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म।
1941 – यूनान ने नाजी जर्मनी के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
1945 – दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सोवियत संघ ने बर्लिन के बाहरी इलाके पर कब्जा किया।
1960 – ब्रासीलिया शहर को ब्राजील की राजधानी बनाया गया।
1967 – यूनान में सैन्य तख्तापलट हुआ।
1983 – ब्रिटेन में एक पाउंड का सिक्का पेश किया गया।
1987 – श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में एक बम धमाके में सौ से अधिक लोगों की मौत हुई।