13 मई: दिन जब स्वतंत्र भारत में बुलाया संसद का पहला सत्र
कोटा. 13 मई… आज ही के दिन 1648 में पूरा हुआ दिल्ली में लाल किले का निर्माण… दिन जब भारत के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का हुआ जन्म… आज ही के दिन बुलाया गया था स्वतंत्र भारत में संसद का पहला सत्र… आज ही के दिन बने सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति… आज ही का था दिन जब देश का पहला ध्वजवाहक जहाज आईएनएस दिल्ली सेवामुक्त हुआ… आज के इतिहास में ही दर्ज विश्व भर की आलोचना और दबाव की परवाह न करते हुए भारत का दो आर परमाणु परीक्षण करना… और आज ही के दिन भारतीय साहित्य जगत के सबसे बड़े नामों में से एक आर के नारायण का हुआ निधन…
भारत के इतिहास में आज का दिन
1648 – दिल्ली में लाल किले का निर्माण पूरा हुआ।
1905 – भारत के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का जन्म।
1952 – स्वतंत्र भारत में संसद का पहला सत्र बुलाया गया।
1962 – सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के दूसरे राष्ट्रपति बने।
1978 – देश का पहला ध्वजवाहक जहाज आईएनएस दिल्ली सेवामुक्त हुआ।
1998 – विश्व भर की आलोचना और दबाव की परवाह न करते हुए भारत ने दो और परमाणु परीक्षण किए।
2000 – मिस इंडिया लारा दत्ता ने साइप्रस में सम्पन्न प्रतियोगिता में मिस यूनीवर्स का ख़िताब जीता।
2001 – भारतीय साहित्य जगत के सबसे बड़े नामों में से एक आर के नारायण का निधन।
2010 – भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता इला भट्ट को निवानो शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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विश्व के इतिहास में आज का दिन
1643 – चिली में आए विनाशकारी भूकंप में सेंटियागो की एक तिहाई आबादी खत्म हुई।
1830 – इक्वाडोर गणराज्य की स्थापना, जुआन जोस फ्लोरेंस पहले राष्ट्रपति बने।
1846 – अमेरिका और मैक्सिको के बीच पिछले एक साल से टैक्सस को लेकर चल रहे तनाव के बीच कांग्रेस ने अपने इस पड़ोसी देश के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया।
1960 – मैक्स इसेलीन के नेतृत्व में स्विटजरलैंड का एक खोजी दल हिमालय में धौलागिरी पर्वत शिखर पर पहुंचा।
1981 – पोप जॉन पॉल द्वितीय को तुर्की के एक नागरिक ने वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वेयर में गोली मार दी। पोप इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए।
1995 – ब्रिटेन की एक महिला, जो दो बच्चों की मां थी, ने शेरपाओं की मदद और आक्सीजन के बिना एवरेस्ट फतह करने के कारनामे को अंजाम दिया।
2009 – यूरोपीय आयोग ने कंप्यूटर चिप बनाने वाली कंपनी इंटेल पर प्रतिद्वंद्वी कंपनी के प्रति गलत व्यावसायिक नीतियां अपनाने पर एक अरब यूरो से अधिक का इतिहास का सबसे बड़ा जुर्माना लगाया।