एसीबी के शिकंजे में फंसे कोटा सीएमएचओ, लेखाधिकारी मालीवाल 50 हजार की घूस लेते रंगे हाथ दबोचा

ट्रांसपोर्टर से बिल पास करने की एवज में मांग रहे थे 7 फीसदी कमीशन

कोटा. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र तंवर आखिरकार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) के शिकंजे में फंस ही गए। ट्रांसपोर्टर से गाड़ियों का बिल पास करने के एवज में 7 फीसदी घूस मांगी। एसीबी ने घूस की रकम लेते हुए सीएमएचओ के अधीनस्थ जिला लेखा प्रबंधक महेंद्र मालीवाल को रंगे हाथों धर दबोचा। एसीबी फिलहाल सीएमएचओ कार्यालय और मालीवाल के घर पर छानबीन करने में जुटी है।

कोटा के सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर की लगातार शिकायतें आ रही थी। बीते दिनों ठेके पर तैनात कर्मचारियों ने घूस न देने पर काम से निकाले जाने का वीडियो भी वायरल किया था। लेकिन, डॉ. तंवर और सीएमएचओ कार्यालय ठोस सबूत न होने का दावा कर बच निकले थे। जिसके बाद सीएमएचओ और उनके कार्यालय के कर्मचारियों के हौसले इस कदर बढ़ गए कि वह खुलेआम घूस मांगने लगे। मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में वाहनों का आपूर्ति करने वाले ठेकेदार अविनाश हाडा से भी बिल पास करने के लिए सात फीसदी कमीशन मांगा गया। हाड़ा ने मना किया तो उसके बिल अटका दिए गए। बार-बार घूस की मांग करने से परेशान अविनाश ने आखिर में जाकर एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील को पूरी जानकारी दी।

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चार महीने से कर रहे थे परेशान
अविनाश हाड़ा ने एसीबी को बताया कि उसकी फर्म यश ट्रेवल्स कोटा को साल 2019 में सीएमएचओ कार्यालय में गाड़ियां सप्लाई करने का टेंडर मिला था। इसके बाद दोबारा इसी फर्म को 18 जनवरी 2021 को कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोटा मे गाडिया उपलब्ध करवाने का टेण्डर हुआ है। वर्तमान में कार्यालय कोटा सी०एम०एच०ओ० मे इस फर्म की चार कार चल रही है। अविनाश ने शिकायत की थी कि सीएमएचओ डॉ. भूपेन्द्र सिंह तंवर गाड़ियों के बिल पास करने की एवज मे 7 प्रतिशत कमीशन के रूपये मांग रहे हैं। रूपये नहीं देने पर मेरे बिल का भुगतान रोक देते है व टेण्डर कैंसिल करने की धमकी देते हैं। अविनाश ने बताया कि सीएमएचओ बेहद चालाकी से घूस का लेनदेन करते हैं। इसके लिए वह अपने अधीनस्थ जिला लेखा प्रबन्धक महेन्द्र कुमार मालीवाल  के जरिए ही बात करते हैं और उसी को पैसे दिलवाते  हैं।

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80 हजार दे दिए, 50 हजार और मांगे 
अविनाश ने एसीबी को लिखित शिकायत दी कि घूस न देने पर सीएमएचओ ने उसका दिसंबर, जनवरी और फरवरी महीने का बिल पास नहीं किया। इसके बाद महेन्द्र कुमार मालीवाल ने उससे कहा कि सीएमएचओ साहब ने तीनो माह के बिलो को पास करने की एवज मे एक लाख तीस हजार रूपये देने के लिये कहा है। जब एक लाख तीस हजार रूपये दे देगा तेरे बिल पास हो जायेगें। परेशान होकर अविनाश ने मालीवाल से पहले बिल पास करने और फिर घूस देने की बात कही। जिस पर वह राजी भी हो गया। बिल पास होने के बाद सीएमएचओ और मालीवाल अविनाश पर दवाब डालने लगे कि जल्द से जल्द घूस की रकम पहुंचाए। न देने पर टेंडर निरस्त करने की धमकी देने लगे तो करीब 4-5 दिन पहले महेन्द्र कुमार मालीवाल को पहले 50,000 और फिर 30,000 यानि कुल 80,000 रुपए दे दिए। लेकिन अब वह बाकी बचे 50 हजार रुपए जल्द से जल्द देने का दवाब बनाने लगे।

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रंगे हाथ दबोचा मालीवाल 
एसीबी कोटा के एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि अविनाश की शिकायत मिलने के बाद 15 अप्रैल को उसका गोपनीय सत्यापन करवाया गया तो शिकायत सही मिली। सत्यापन के दौरान महेन्द्र कुमार मालीवाल ने गाडियो के बिल पास करने की एवज में 50 हजार रुपए  रूपये की घूस मांगी। सत्यापन में सामने आया कि इस रकम का बंटवारा सीएमएचओ और मालीवाल के बीच होना था। जिसके बाद एसीबी ने शुक्रवार शाम को ट्रैप की कार्यवाही आयोजित की और अविनाश को घूस की रकम लेकर मालीवाल के पास भेजा। मालीवाल ने अविनाश से घूस में 50 हजार रुपए लिए और अपनी ब्रेजा कार आर०जे0 20 सीएफ 0641 मे रखने लगा। जैसे ही उसने घूस की रकम कार में रखी एसीबी ने उसे धर दबोचा।

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सीएमएचओ को देनी थी घूस 
घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद एसीबी ने जब महेन्द्र कुमार मालीवाल से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के कहने पर यह घूस ले रहा था। इस रकम को वह उनके घर पहुंचाने जा रहा था इससे पहले ही एसीबी ने उसे दबोच लिया। एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि सीएमएचओ दफ्तर में घूसकांड का खुलासा करने के बाद पुलिस उपाधीक्षक हर्षराज खरेड़ा, पुलिस निरीक्षक नरेश चौटान और मो० खालिक, देवेन्द्र सिंह, नरेन्द्र सिंह, बृजराज, मनोज कुमार, मुकेश सैनी, योगेन्द्र सिंह, हेमन्त सिंह और सरोज की टीम अब सीएमएचओ कार्यालय और मालीवाल के घर कार्यवाही करने में जुटे हैं।

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