दिल्ली के वीवीआईपी ठिकाने राजस्थान हाउस में बलात्कार! संयुक्त श्रम आयुक्त पर लगे आरोप
महिला ने सीएम और शासन सचिव श्रम को भी भेजी थी शिकायत, विभागीय जांच कमेटी के सामने नहीं हुई पेश
- कोटा के श्रमायुक्त कार्यालय में दो महिला निरीक्षकों की लड़ाई जा पहुंची गंभीर आरोपों तक, दोनों हैं बैच मेट
- सीएम और शासन सचिव को भेजी शिकायत में नहीं किया था दुष्कर्म का जिक्र, करियर बिगाड़ने की दी थी धमकी
TISMedia@Kota राजस्थान के श्रम विभाग में इन दिनों जमकर बवाल मचा हुआ है। 26 जून को श्रमायुक्त प्रतीक झांझरिया को तीन लाख रुपए की घूस लेते रंगे हाथ दबचोने के बाद अब कोटा के श्रमायुक्त कार्यालय में दो महिला निरीक्षकों के आपसी झगड़े ने बवंडर खड़ा कर दिया है। एक महिला निरीक्षक ने तो कोटा में तैनात संयुक्त श्रमायुक्त प्रदीप कुमार झा के खिलाफ दुष्कर्म तक का मामला दर्ज करवा दिया। वहीं दूसरी महिला निरीक्षक ने झा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाली महिला के खिलाफ मारपीट और सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज करवाया है। कोटा पुलिस दोनों पक्षों की ओर से रिपोर्ट दर्ज करने के बाद अब हकीकत जानने की कोशिश में जुटी है।
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कोटा का श्रमायुक्त कार्यालय इन दिनों अखाड़ा बना हुआ है। 2017 बैच की दो महिला अफसरों के बीच इन दिनों जमकर धींगामुश्ती हो रही है। एक महिला ने पहले चार जून 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शासन सचिव श्रम, पुलिस महानिदेशक राजस्थान, महिला आयोग और महिला आयोग सहित तमाम जगहों पर चिट्ठी भेजकर कोटा मैं तैनात संयुक्त श्रमायुक्त प्रदीप झा के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में महिला ने संयुक्त श्रामायुक्त पर परेशान करने और “मुझ में (प्रदीप झा) इंट्रेस्ट लो नहीं तो करियर बिगाड़ दूंगा” जैसी धमकी देने के आरोप लगाए। हालांकि इस शिकायत में रेप का आरोप शामिल नहीं था।
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जांच कमेटी के सामने नहीं हुई पेश
राजस्थान श्रम विभाग के आला अधिकारियों ने बताया कि महिला निरीक्षक के आरोपों को गंभीरता से लिया गया और पूरे मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी गई। आरोपों की जांच करने के लिए जब यह कमेटी कोटा पहुंची तो शिकायत कर्ता महिला ने कमेटी के सामने पेश होने से साफ इनकार कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि यह सेक्सुअल हरासमेंट एक्ट का उलंघन है। क्योंकि कमेटी ने पहले उनके आरोपों की सुनवाई किए बिना ही आरोपी को अपना पक्ष रखने का मौका दे दिया।
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राजस्थान भवन में बलात्कार!
आरोपों की जांच करने कोटा आई श्रम विभाग की कमेटी के सामने पेश होने के बजाय उसी शाम को महिला ने पुलिस अधीक्षक को परिवाद देकर कोटा में तैनात संयुक्त श्रमायुक्त प्रदीप कुमार झा के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवा दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि थाना नयापुरा में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक वारदात को अंजाम सियासी गलियारों में बेहद रसूखदार माने जाने वाले दिल्ली स्थित “राजस्थान हाउस” में दिया गया था। कोटा पुलिस अधीक्षक को परिवाद देकर महिला ने आरोप लगाया है कि संयुक्त श्रम आयुक्त प्रदीप कुमार झा 7 नवम्बर 2019 को अपने साथ दिल्ली ले गए। कोटा से शाम को चलकर रात में दिल्ली पहुंचने वाली नंदादेवी एक्सप्रेस का टिकट प्रदीप कुमार झा ने खुद ही बुक किया था। आधी रात को दिल्ली पहुंचने के बाद वह उसे बेहद वीवीआई ठिकानों में शुमार राजस्थान हाउस ले गए। जहां उसके साथ दुष्कर्म किया। 9 नवम्बर 2019 को दिल्ली से मेवाड़ एक्सप्रेस से कोटा के लिए रवाना होने से पहले भी राजस्थान हाउस के उसी कमरे में श्रमायुक्त ने उसके साथ फिर दुष्कर्म किया।
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दो साल से कर रहे थे शोषण
महिला ने आरोप लगाया है कि संयुक्त श्रमायुक्त दो साल से नजदीकियां बढ़ाकर उसका शारीरिक शोषण कर रहे हैं। शिकायत के अनुसार 18 अक्टूबर 2019 को प्रदीप कुमार झा उसे बूंदी ले गए। जहां अडानी विल्मार लिमिटेड के गेस्ट हाउस में लंच के बहाने ले जाकर वहां गलत तरीके से छुआ। इसके बाद पीपल्दा हाउस स्थित अपने कमरे में कई बार बुलाया। 24 जनवरी 2020 को प्रदीप कुमार झा ने महिला को अपने कमरे पर बुलाया और वहां भी बलात्कार का प्रयास किया। 14 सितम्बर 2020 को प्रदीप कुमार झा ने अपने पीपल्दा हाउस स्थित अपने कमरे पर कार्यालय समय के बाद बुलाकर फिर ऐसा ही किया। इतना ही नहीं महिला ने श्रमायुक्त पर आरोप लगाया है कि झा ने उसे 5 जुलाई 2021 को बुलाकर धमकाया भी था।
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महिला के खिलाफ भी दर्ज हुई रिपोर्ट
संयुक्त श्रमायुक्त के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ कोटा श्रम कार्यालय की एक महिली निरीक्षक ने दफ्तर में ही मारपीट करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। नयापुरा थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त श्रमायुक्त के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला और उसके माता पिता को आरोपी बनाया गया है। रिपोर्ट दर्ज कराने वाली महिला निरीक्षक ने पुलिस को शिकायत दी है कि इन तीनों लोगों ने उसे दफ्तर में आकर पीटा और जमकर बेइज्जत भी किया। इतना ही नहीं उसे और प्रदीप झा को बदनाम करने की भी धमकी दी थी। श्रम कार्यालय के कर्मचारियों के मुताबिक दोनों महिलाएं बैचमेट हैं और कोटा कार्यालय में भी एक साथ ज्वानिंग हुई थी, लेकिन संयुक्त श्रमायुक्त पर एक दूसरे का पक्ष लेने की बात कह आपस में लड़ गईं। जिसके बाद सारे बवाल शुरु हुए।
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जांच में जुटी पुलिस
कोटा श्रम कार्यालय में मचे बवाल ने कोटा पुलिस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। पुलिस उपाधीक्षक भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया कि शिकायतें मिलने के बाद नयापुरा थाने ने दोनों ही मामलों में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। दुष्कर्म के मामले में महिला के बयान लेकर उसका मेडिकल करवाया है। पुलिस ने पीपल्दा हाउस का मौका मुआयना भी किया है। अब महिला के 164 के बयान कराए जाएंगे। इसके साथ पुलिस जांच करने राजस्थान हाउस भी जाएगी। वहीं दूसरी महिला की ओर से दर्ज कराए गए मामले की भी जांच की जा रही है।