डबल डोज के बाद भी कोरोना डे केयर सेंटर प्रभारी पॉजिटिव, कुंभ से लौटे दम्पति का 72 घंटे में टूटा दम

कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बावजूद पूरा परिवार संक्रमित

कोटा. यदि आप कोरोना को हल्के में ले रहे हैं तो आप अपने साथ पूरे परिवार की जान जोखिम में डाल रहे हैं। कोटा में मंगलवार को एक साथ दो बुरी खबर आई। पहली हरिद्वार कुंभ से लौटे सर्राफा दम्पति संक्रमित मिले। जिनकी महज 3 दिन में ही मौत हो गई। वहीं, कोरोना की दोनों वैक्सीन लगवाने के बावजूद कोटा मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में कोरोना-डे-केयर प्रभारी पॉजिटिव हो गए हैं। उनके साथ उनका पूरा परिवार भी संक्रमित हो गया है। यह दोनों केस कोरोना कितना खौफनाक है, यह बताने के लिए काफी है। ऐसे में कोरोना गाइड लाइन का पालन ही इस महामारी से बचाव हैं।

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डबल डोज के बावजूद पूरा परिवार संक्रमित
कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बावजूद कोविड अस्पताल में कोरोना डे केयर प्रभारी रामरतन बैरवा पॉजिटिव हो गए हैं। उन्हें खांसी-जुकाम व बुखार है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पूरा परिवार होम क्वारंटीन हो गया है। परिवार में उनकी पत्नी भी संक्रमित है। बेटी की रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन उसे भी खांसी-जुकाम व बुखार है।

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कोरोना डे केयर सेंटर में हर रोज आते हैं 125 मरीज
मेडिकल कॉलेज में कोरोना-डे केयर सेंटर बनाया गया है। जहां रोजाना करीब 125 मरीज रेमडेसीविर इंजेक्शन के साथ थैरेपी लेने आते हैं। यह सभी मरीज कोरोना संक्रमित होते हैं। हल्के लक्षण होने की वजह से इन्हें सिर्फ थैरेपी ही दी जाती है।

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कुंभ से लौटे दम्पति की 72 घंटे में मौत
बोरखेड़ा इलाके के बालाजी आवास निवासी सर्राफा व्यवसायी माणकचंद सोनी (65) व पत्नी विजयलक्ष्मी सोनी (53) हरिद्वार कुंभ में गए थे। वापस लौटे तो कोरोना संक्रमित हो गए। दम्पति की तीन दिन में ही मौत हो गई। दम्पती के पुत्र राममनोहर सोनी ने बताया कि उनके माता-पिता हरिद्वार कुंभ गए थे। 7 अप्रेल को कोटा लौटे थे। इसके बाद से ही दोनों की तबीयत खराब हो गई। इस पर उन्हें बोरखेड़ा डिस्पेंसरी ले गए। जहां दोनों का कोविड सेम्पल दिया। इसमें पिता की आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आई जबकि मां की पॉजिटिव। इसके बाद दोनों होम आइसोलेट हो गए।

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पति की मौत के 4 दिन बाद पत्नी का भी टूटा दम
राममनोहर ने बताया कि आइसोलेट होने के दौरान माता-पिता का कोरोना इलाज चल रहा था। लेकिन, पिता की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। 14 अप्रेल को उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उनकी एचआरसीटी करवाई, जिसमें फेफड़ों में संक्रमण मिला। उन्हें ऑक्सीजन पर लिया। 16 अप्रेल को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उसके बाद मां विजयलक्ष्मी को 18 अप्रेल को भारत विकास परिषद अस्पताल में भर्ती कराया। जहां बेड की कमी के कारण उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। जांच में उनके भी फेफड़ों में इंफेक्शन आया। चार डोज रेमडेसीविर के लगाए गए, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ। इलाज के दौरान मंगलवार को उनका भी दम टूट गया।

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