EPFO Kota: बीड़ी श्रमिकों को मिली बड़ी राहत, कैंप लगाकर आधार से लिंक किए पीएफ खाते
तकनीकी जानकारी के आभाव में पीएफ एकाउंट अपडेट नहीं कर पा रहे थे बीड़ी श्रमिक
TISMedia@Kota. मजदूरों के एक बड़े तबके का चूल्हा दिन भर बीड़ियां बनाने के बाद ही सुलग पाता है। दिनों दिन बिगड़ते हालातों के चलते पाई पाई के लिए संघर्ष कर रहे इन लोगों को झटका तब लगता है जब किसी हादसे के बाद उन्हें पता चलता है कि उनका भविष्य निधि खाता (पीएफ एकाउंट) एक्टिव ही नहीं है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कोटा क्षेत्रीय कार्यालय ने बीड़ी श्रमिकों की इन समस्याओं को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए बकायदा शिविर आयोजित कर न सिर्फ पीएफ एकाउंट अपडेट किए जा रहे हैं, बल्कि केंद्र सरकार की ओर से श्रमिक कल्याण के लिए चलाई जा रही तमाम योजनाओं की भी जानकारी दी जा रही है।
देखते ही देखते देश भर में तकनीकी का तेजी से विस्तार हुआ। निजी क्षेत्र की बात तो छोड़िए सरकारी क्षेत्र में भी तकनीकी का इस कदर इस्तेमाल होने लगा कि जहां भी पैसों का जिक्र छिड़ता है वहां डिजिटलाइजेशन का दखल आम होता है। इससे न सिर्फ भ्रष्टाचार का खात्मा हुआ बल्कि तमाम सुविधाओं की सीधी और सही जानकारी लाभार्थी तक पहुंचने लगी, लेकिन समस्या तब खड़ी हुई जब डिजिटल एजुकेशन की कमी के चलते चिन्हित वर्ग इन सुविधाओं का फायदा नहीं उठा पा रहे थे। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कोटा के क्षेत्रीय अधिकारी मनीष कुमार सिंह को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने समस्या के समाधान के लिए केंद्रीय श्रम विभाग की योजनाओं को श्रमिकों के घर तक ले जाने के लिए शिविरों का आयोजन शुरू किया।
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बीड़ी श्रमिकों को मिली बड़ी राहत
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़ी समस्याओं में सबसे बड़ी तादाद पीएफ खातों के अपडेशन की सामने आई। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कोटा क्षेत्रीय आयुक्त मनीष कुमार सिंह ने जब कारण जाना तो पता चला कि अधिकांश बीड़ी श्रमिक बेहद कम पढ़े लिखे हैं। इसके साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर होने के कारण उनके पास तकनीकी संसाधनों की भी कमी है। जिसका तोड़ निकालते हुए उन्होंने बीड़ी श्रमिकों के इलाके में ही श्रमिक कल्याण शिविरों के आयोजन की योजना बनाई। इन शिविरों में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कार्मिक डिजिटल कनेक्टिविटि के साथ पहुंचे और बीड़ी श्रमिकों के खातों में आ रही विसंगतियों को हाथों हाथ दूर कर उनके पीएफ खाते अपडेट किए। जिससे बीड़ी श्रमिकों को बड़ी राहत मिली।
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मौके पर निपटाईं विसंगतियां
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त मनीष कुमार सिंह ने बताया कि टिपटा स्थित बीड़ी डिस्पेंसरी में श्रमिक कल्याण शिविर आयोजित किए गए। जिनमें श्रमिकों के आधार कार्ड और भविष्य निधि के दस्तावेजों में आ रही विसंगतियों का मौके पर ही निस्तारण कर खाते अपडेट किए गए। इसके साथ ही श्रमिक चिकित्सालय के पंजीयन रिकॉर्ड, बीड़ी कार्ड या अन्य दस्तावेजों की खामियों में सुधार करने और भविष्य निधि दावों का भी मौके पर ही निस्तारण किया गया। 29 और 30 जून को आयोजित किए गए शिविर में 70 से ज्यादा बीड़ी श्रमिक शामिल हुए। इसके साथ ही 49 श्रमिकों के घोषणा पत्र प्राप्त किए गए। शिविर में प्रवर्तन अधिकारी अनिल कुमार, डीपीए हिमांशु कौशिक, एस.एस.ए मयंक और आर. के. मीणा मौजूद रहे। क्षेत्रीय आयुक्त ने बताया कि यह दूसरा शिविर था इससे पहले भी शिविर लगाकर श्रमिकों की समस्याओं का समाधान किया गया।
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जुलाई में भी आयोजित होगा शिविर
क्षेत्रीय आयुक्त मनीष कुमार सिंह ने बताया कि अब भी कई बीड़ी श्रमिक ऐसे हैं जो शहर से बाहर होने या फिर समय न मिलने के कारण दोनों शिविरों में नहीं पहुंच सके हैं। ऐसे श्रमिकों की मदद के लिए जुलाई में भी शिविर आयोजित किया जाएगा। पाटनपोल, टिपटा, कैथूनी पोल, मकबरा, चंद्रघटा व मस्जिद क्षेत्र के बीड़ी बांधने वाले कारीगर बीड़ी चिकित्सालय टिपटा में आयोजित होने वाले शिविर का लाभ उठा सकते है। इस शिविर में बीड़ी श्रमिकों के भविष्य निधि खातों का केवाईसी करने के साथ ही उन्हें आ रही समस्याओं का समाधान किया जाएगा। संजीव क्वात्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बीड़ी श्रमिक कल्याण चिकित्सालय, भारत सरकार के सहयोग से शिविर आयोजित किया गया।