लॉकडाउन में बंद ट्रैफिक तो कोटा रेल मंडल ने 1788 सिग्नल किए अपडेट, कोहरे-बारिश में भी नहीं होगी ट्रेनें लेट
TISMedia@कोटा. कोटा रेल मंडल ने कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन को अवसर में बदल दिया। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच लॉकडाउन के कारण ट्रैफिक बंद है। इस दौरान कोटा रेल मंडल ने 1788 सिग्नलों को अपडेट कर उन प कलर लाइट लगाने का काम किया। यह रनिंग ट्रैफिक में कर पाना काफी मुश्किल होता है। इसके लिए शट डाउन लेना पड़ता है। जो लगातार ट्रेनों की आवाजाही में कठिन होता है।
READ MORE: #IndiaFightCovid: कोरोना संक्रमण की रफ्तार हो रही धीमी, 2 महीने में सबसे कम 1.14 लाख नए पॉजिटिव
2023-24 तक ट्रेनों की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा की तैयारी
जानकारी के लिए बता दें कि कलर लाइट सिग्नल सिस्टम कोहरे और बरसात में भी लोको पायलट को ट्रेनों के संचालन में मदद करेगा। कोहरे से ट्रेनें लेट नहीं होगी। दरअसल रेलवे कई रूट की ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की तैयारी कर रहा है। यह कार्य वर्ष 2023-24 तक किया जा सकता है। इसलिए सिग्नल सिस्टम अपडेट किए जा रहे है। मथुरा से नागदा सेक्शन में ओएचई का काम शुरू हो चुका है। पश्चिम मध्य रेलवे में कोटा के साथ ही भोपाल और जबलपुर मंडल को पूरी तरह से कलर लाइट सिग्नल सिस्टम लगाकर पहला जोन बना दिया गया है।
READ MORE: ICMR ने दो रैपिड एंटीजन टेस्ट किट को दी मंजूरी, अब घर बैठे भी कर सकेंगे कोरोना का टेस्ट
कोहरे में कलर लाइट सिग्नल सिस्टम से होगी आसानी
कलर लाइट सिग्नल सिस्टम की दृश्यता ज्यादा होती है। यह रात्रि में भी लोको पायलट को काफी दूर से और साफ दिख जाते है। इससे लोको पायलट अपनी गाड़ियों की रफ्तार को मेंटेन करते हुए चल सकते है। साथ ही प्रतिकूल मौसम में और कोहरे में भी कलर लाइट सिग्नल दूर से ही लोको पायलट को आसानी से नजर आ जाता है। यही वजह है कि यह अन्य सिग्नल प्रणालियों से ज्यादा सुरक्षित और विश्वसनीय है। इसमें मानवीय भूल होने की संभावना न के बराबर रहती है और सिग्नल फेल होने का खतरा भी कम हो जाता है।