मातम में बदली शादी की खुशियां : डोली से पहले उठी अर्थी, 12 घंटे में मां-बेटी की मौत

कोटा. परिवार में इंजीनियर बेटी की शादी की तैयारियां चल रही थी। खुशियों के गीत गाए जा रहे थे। मां बेटी को दुल्हन के जोड़े में देखने को बेताब थी। दादा पौती का कन्यादान को उत्सुक थे। हालांकि, लॉकडाउन के चलते शादी नवम्बर तक स्थिगित हो गई थी। लेकिन, परिवार में शादी का माहौल था। तभी, काल बनकर घर की चौखट पर पहुंचा कोरोना ने परिवार तबाह कर दिया। 12 घंटों में ही मां-बेटी को मौत की नींद सुला गया। पूरा परिवार बिखर गया। दुल्हन बनने जा रही लड़की की डोली उठने से पहले ही मौत हो गई। यह दर्दभरी घटना कोटा जिले के बिनायका गांव की है। जिस समय मां की चिता को अग्नि दी जा रही थी, उसी वक्त बेटी की मौत की भी खबर आ गई। इससे पहले तक पूरा परिवार इंजीनियर बेटी की शादी की तैयारी में लगा था।

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नवम्बर में करनी थी शादी
बिनायका गांव के पूर्व सरपंच कन्हैयालाल (72) की पौती संगीता जयपुर से बीटेक सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी। मार्च-अप्रेल के बीच संगीता की शादी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण शादी को नवम्बर तक स्थिगित कर दी गई थी। लेकिन, घर में शादी का माहौल था। संगीता की मां बद्री बाई विवाह की तैयारियों में व्यस्त थी। पूर्व सरपंच ने भी पौती की शादी के लिए मैरिज हॉल, हलवाई और अन्य कई बुकिंग करवा दी थी। वें 21 नवंबर को कोटा में शादी करना चाहते थे।

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शादी की खरीदारी के दौरान संक्रमित हुई थी मां
बद्री बाई अप्रेल माह में बारां जिले में अपने रिश्तेदार के यहां गई थी। वहां बेटी की शादी को लेकर खरीदारी चल रही थी। बारां से लौटते ही बद्री बाई बीमार हो गई। परिजनों ने उन्हें कोटा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बेटी संगीता अस्पताल में मां की देखभाल करती थी। इस दौरान वह भी संक्रमण की चपेट में आ गई और उसकी भी तबीयत खराब हो गई। हालत में सुधार नहीं होने पर मां-बेटी को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया था।

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मां की मौत के 2 घंटे बाद ही बेटी ने भी तोड़ा दम
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मां-बेटी का इलाज के बावजूद तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था। हालांकि, तीन दिन पहले ही बद्री बाई की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। लेकिन, रिकवरी नहीं हो पा रही थी। मां-बेटी दोनों ही ऑक्सीजन सपोर्ट पर थीं। मंगलवार रात मां बद्री बाई की मौत हो गई। बुधवार सुबह परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव गांव में लेकर आ गए। मां के अंतिम संस्कार के दो घंटे बाद ही बेटी संगीता ने भी दम तोड़ दिया।

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2 साल में 4 मौतों से बिखर गया परिवार
पूर्व सरपंच कन्हैया लाल (72) की पत्नी का दिल की बीमारी के कारण दो साल पहले निधन हो गया था। वहीं, पिछले साल बेटे बद्रीलाल (47) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिवार में बहू बद्री बाई (45), 3 पोते-पोतियां बचे थे। कुछ माह पहले तक परिवार में खुशियों का माहौल था। पोती संगीता (25) की शादी तय हुई थी।

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