#TIS_Impact नाकाम हुई कोटा थर्मल को बंद करने की साजिश, जारी हुआ यूनिटें चलाने का आदेश
उत्पादन निगम दबाकर बैठा था थर्मल को चलाने की चिट्ठी, TIS Media के खबर चलाने के बाद मचा हड़कंप
- TIS Media ने खोली उत्पादन निगम के अफसरों की पोल, ऊर्जा विकास निगम ने दिया यूनिटें चलाने का आदेश
- मुख्यमंत्री, यूडीएच और ऊर्जा मंत्री की कोशिशों के बावजूद कोटा थर्मल को बंद करने पर अड़े थे अफसर
TISMedia@Kota कोटा थर्मल को बंद करने की साजिश TIS Media ने एक बार फिर नाकाम कर डाली। आलम यह था कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के आला अफसर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल तो दूर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक के आदेश को मानने के लिए राजी नहीं थे। TIS Media ने जब साजिश का खुलासा किया तो उत्पादन निगम से लेकर ऊर्जा विकास निगम तक में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने आदेशों की अवेहलना को गंभीरता से लेते हुए जब उत्पादन निगम के आला अफसरों से जवाब तलब किया तब कहीं जाकर आनन फानन में कोटा थर्मल की पहली और दूसरी इकाइयों को बंद करने का आदेश रद्द किया और साल 2023 तक दोनों यूनिटों के नियमित रूप से चलाने के आदेश जारी किए।
कोटा थर्मल को बंद करने की बड़ी साजिश का एक बार फिर खुलासा हुआ है। ऊर्जा विभाग की संयुक्त सचिव अनूपमा जोरवाल ने 17 जून को राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के एमडी एवं चेयरमेन को लिखित आदेश जारी किया था कि कोटा थर्मल की पहली और दूसरी यूनिट को 30 जून की आधी रात से हमेशा के लिए बंद कर दिया जाए। आदेश की जानकारी लगते ही #TISMedia ने 24 जून को “#TISExclusive जेके और आईएल की तरह मिटने लगा कोटा थर्मल वजूद, हमेशा के लिए बंद हुईं दो यूनिटें“ खबर प्रकाशित कर कोटा थर्मल को बंद करने की उच्च स्तरीय साजिश का खुलासा किया था। वसुंधरा राजे की सरकार के समय से ही कोटा थर्मल को बंद करने की साजिशें कर रहे ऊर्जा विभाग के अफसरों की इस करतूत का पर्दाफाश होते ही पूरे राजस्थान में हड़कंप मच गया।
TIS Media के खुलासे के बाद मचा हड़कंप
वसुंधरा सरकार के बाद गहलोत सरकार में भी कोटा थर्मल को बंद करने की उच्च स्तरीय साजिश का खुलासा होते ही सूबे में हड़कंप मच गया था। कोटा थर्मल के कर्मचारियों से लेकर आला अधिकारियों तक ने ऊर्जा विभाग जिम्मेदार अधिकारियों को हालात से अवगत कराया। TIS Media की खबर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला तक पहुंची तो हर कोई भौंचक रह गया। कोटा थर्मल से लेकर ऊर्जा विकास निगम के अफसरों और सरकार में बैठे मंत्रियों तक की समझ में नहीं आया कि कोटा थर्मल को 2023 तक इन्वायरमेंट क्लीयरेंस मिलने के बाद भी आखिर पहली और दूसरी इकाई को बंद करने के आदेश कैसे जारी हो गए। खुलासे के बाद मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के दफ्तरों से कोटा थर्मल को बचाने वाले अफसरों को फोन घनघनाए गए और जब असल हालात पता चले तो हर कोई कोटा थर्मल की दो इकाइयों को बंद करने के फैसले की जिम्मेदारी लेने से भागने लगा।
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धारीवाल ने दिया दखल
तीन दिन बाद कोटा के विधायक और राजस्थान सरकार के सबसे कद्दावर मंत्री शांति धारीवाल ने भी सियासी नुकसान होता देख मामले में दखल दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से बात कर कोटा थर्मल की दोनों इकाइयों का संचालन चालू रखने की अपील की। जिस इन्वायरमेंट क्लीयरेंस की आड़ में कोटा थर्मल को बंद करने की साजिश रची जा रही थी, उसी को आधार बनाते हुए मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री ने धारीवाल को आश्वासन दिया कि जब तक इन्वायरमेंट क्लीयरेंस है तब तक कोटा थर्मल की किसी भी इकाई को बंद नहीं किया जाएगा। पूरी तरह से मुतमईन होने के बाद नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने 28 जून को वीडियो जारी कर बयान दिया कि कोटा थर्मल की सभी इकाइयां पहले की तरह ही संचालित होती रहेंगी। इसके साथ ही पहली और दूसरी इकाई को बंद करने के आदेश भी सरकार ने वापस ले लिए हैं।
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धारीवाल और गहलोत को भी रखा धोखे में
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के कोटा थर्मल को बचाने का बयान जारी करने के 48 घंटे बाद ही राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के लोड डिस्पेच सेंटर ने 17 जून को जारी किए गए ऊर्जा विभाग की सचिव अनूपमा जोरवाल के आदेश को आधार बनाकर कोटा थर्मल प्रशासन को आज आधी रात से पहली और दूसरी यूनिट को हमेशा के लिए बंद करने के आदेश जारी कर दिए। यूडीएच मंत्री के बयान और मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के बावजूद कोटा थर्मल की दोनों इकाइयों को आधी रात से बंद करने के आदेश मिलते ही प्लांट में हड़कंप मच गया। जयपुर बैठे आला अफसरों को हालात बताए गए, लेकिन किसी ने भी कोई दखल देने से साफ इनकार कर दिया। कोटा थर्मल को बंद करवा कर निजी हाथों में बेचने की साजिश रच रहे जयपुर में बैठे ऊर्जा विभाग के अफसरों के आगे राजस्थान सरकार के सबसे कद्दावर मंत्री की एक न चली। TIS Media ने न सिर्फ इस साजिश का खुलासा किया बल्कि, मुख्यमंत्री कार्यालय को भी उत्पादन निगम के अफसरों की हरकतों से अवगत कराया। जिसके बाद सीएमओ में जमकर बवाल मच गया।
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तलब किए अफसर, जारी हुआ आदेश
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बावजूद भी कोटा थर्मल की दोनों इकाइयों को बंद करने के आदेश रद्द नहीं किए गए तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अफसरों की जमकर फटकार लगाई। शुक्रवार तड़के उत्पादन निगम के अफसरों को सीएमओ तलब किया गया और उसके बाद आनन-फानन में चिट्ठी तैयार कर ऊर्जा विकास निगम को भिजवाई गई। TIS Media पूरे दिन चल रही हर एक गतिविधि पर नजर रखे हुए था और मुख्यमंत्री कार्यालय को उनके बारे में जानकारी दे रहा था। आखिरकार, जब राजधानी में बैठे आला अफसरों की समझ में आ गया कि उनकी साजिशें इस बार कामियाब नहीं होगी तब जाकर शुक्रवार शाम को ऊर्जा विकास निगम ने लोड डिस्पेच सेंटर को कोटा थर्मल की पहली और दूसरी इकाई के साल 2023 तक चालू रखने और बिजली खरीदने के आदेश जारी कर दिए।
आखिरकार बचा लाए कोटा थर्मल
गुरुवार से ही TIS Media ने कोटा थर्मल को बंद करने की साजिशों को बेनकाब करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। जिसके बाद आखिरकार ऊर्जा विभाग को अपना पुराना आदेश वापस लेकर थर्मल की दोनों इकाइयों को साल 2023 तक चालू रखने का नया आदेश जारी करना पड़ा। ऊर्जा विकास निगम का आदेश शुक्रवार देर शाम कोटा थर्मल भी पहुंच गया। वहीं लोड डिस्पेच सेंटर ने भी बदला हुआ आदेश मिलने के बाद कोटा थर्मल की पहली और दूसरी यूनिट को एक्टिव दिखाना शुरू कर दिया है। जिसके बाद कोटा थर्मल की इन इकाइयों में बिजली का उत्पादन होने और फिर लोड डिस्पेच सेंटर के खरीदे जाने का रास्ता साफ हो गया है। जबकि, राजधानी में बैठे अफसरों की साजिश के चलते बुधवार आधी रात को अपनी पूरी क्षमता से चल रही दोनों यूनिटों को बंद कर दिया गया था। जिन्हें दोबारा चलाने पर कोटा थर्मल को फिर से लाखों रुपए खर्च करने पड़ेंगे।