मंत्री धारीवाल का आरोप : पीएम मोदी ने 3 महीने में करवाई थी 90 हजार फोन टैपिंग
कोटा. फोन टैपिंग मामले में घिरी राजस्थान सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। विपक्ष में बैठी भाजपा लगातार सत्तारुढ़ दल पर हमलावर हो रही है। वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दिल्ली में एफआईआर दर्ज करवाने से मामले ने और तूल पकड़ लिया। शेखावत ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बयानों को आधार बनाकर दर्ज करवाई एफआईआर में उनकी छवि व मानसिक शांति को अघात पहुंचाने का आरोप लगाया है। इसी के साथ सियासी गलियारों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। ऐसे में मंत्री धारीवाल ने काउंटर अटैक की कमान अपने हाथों में संभाली और मीडिया के बीच आकर पीएम मोदी पर गंभीर आरोप जड़ डाले।
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मोदी द्वारा करवाई फोन टैपिंग की जांच करवाए भाजपा
धारीवाल ने कहा कि जब मोदी गुजरात के सीएम थे, तब 3 महीने में 90 हजार फोन टैपिंग हुई थी। भाजपा पहले उनकी तो जांच करा ले। यह केस अभी एसीबी में है, उसको फेस करो। हमारी डिमांड तो इतनी सी थी कि वॉइस सेम्पल दे दें। उन्होंने केंद्रीय मंत्री शेखावत का नाम लिए बिना कहा, वो वॉइस सेम्पल देने से क्यों डर रहे हैं?, क्यों आगे पीछे हो रहे है? शायद, साजिश का खुलासा होने का डर सता रहा है। वॉइस सैम्पल देने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सरकार गिराने की साजिश रची गई थी।
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वॉइस सैम्पल : एसीबी चक्कर काटती रही और वो छिपते रहे
पत्रकारों ने सवाल किया कि गजेंद्र शेखावत का कहना है कि वो सेम्पल देने को तैयार है, लेकिन पहले भंवरलाल शर्मा व विश्वेंद्र सिंह वॉइस सेम्पल दें, तो मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि उससे क्या मतलब है। पुलिस जिसको चाहेगी उससे ले लेगी। आप तो दीजिए। धारीवाल ने कहा कि वॉइस सैम्पल के लिए एसीबी तीन-तीन दिन घर व दफ्तर के चक्कर काटती रही लेकिन गजेंद्र सिंह छिपते रहे।