फिर फरिश्ता बनी कोटा पुलिस, चंबल में कूदे युवक की ऐसे बचाई जान

100 फीट ऊंचाई से नदी में कूदा था युवक, बचाने को दलदल में कूदी पुलिस

कोटा. बेजरोजगारी व आर्थिक तंगी से परेशान युवक ने करीब 100 फीट ऊंची पुलिया से चंबल नदी में छलांग लगा दी। युवक नदी में जमी काई में फंस गया और दलदल में धंसता जा रहा था। राहगीरों व स्थानीय लोगों की सूचना पर कुन्हाड़ी पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर युवक को नदी से बाहर निकाल अस्पताल पहुंचाया। जहां उसका इलाज जारी है। रेस्क्यू के दौरान पुलिस जवान के पैर व कमर में भी चोट आई है।

एएसआई राधेश्याम सांखला ने बताया कि स्टेशन स्थित डड़वाड़ा निवासी मोहित (26) बुधवार सुबह 10 बजे करीब बाइक से नयापुरा स्थित चंबल की नई पुलिया पर आया। यहां बाइक खड़ी कर करीब 100 फीट ऊंचाई से नदी में छलांग लगा दी। उस वक्त हमारी टीम कुन्हाड़ी पेट्रोल पम्प के पास चालानी कार्रवाई कर रही थी। तभी, कंट्रोलरूम से घटना की सूचना मिली। इस पर वे टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। युवक नदी में जमी काई में फंसा हुआ था। दलदल होने के कारण वह आहिस्ता आहिस्ता धंसता जा रहा था। कचरा, गंदगी व काई होने के कारण युवक तक पहुंचने का रास्ता नही था। ऐसे में कांस्टेबल चेतराम चौधरी छोटी पुलिया से नदी में कूद गया और गिरते-पड़ते बमुश्किल युवक तक पहुंचा और सकुशल नदी से बाहर निकाल लिया।

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अपनी जान दांव पर लगाकर बचाई युवक की जान
हैडकांस्टेबल राधेश्याम ने बताया कि मौके पर जो हालात थे, वे बेहद डरावने थे। युवक दलदल में धंसता ही जा रहा था। उसकी गर्दन ही नजर आ रही थी। घटनास्थल पर लोगों की भीड़ तमाशबीन बनकर खड़ी थी। युवक को बचाने की जब किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई तो कांस्टेबल चेतराम खुद नदी में कूद पड़ा। बमुशिकल युवक के पास पहुंचा। युवक को निकाल कंधे पर उठाया, फिर किसी तरह नाव तक पहुंचाकर दूसरी छोर से उसे बाहर निकाला। फिर वहां से पुलिस जीप में युवक को एमबीएस अस्पताल पहुंचाकर भर्ती कराया। रेस्क्यू में करीब आधे घंटे का समय लगा। इस दौरान चेतराम के पैर व कमर में चोट आई हैं। जबकि, युवक का इलाज जारी है।

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पैर में चोट फिर भी दौड़-दौड़कर करवाई युवक की जांच
हैड कांस्टेबल राधेश्याम ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान चोटिल होने के बावजूद चेतराम ने दौड़-दौड़कर अस्पताल में युवक की जांचे करवाई। किसी की जान बचाने के लिए पुलिस की दरयादिली लोगों में चर्चा का विषय बनी रही। सूचना के बाद दोपहर एक बजे तक परिजन भी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने बेटे की जान बचाने के लिए पुलिस का आभार जताया।

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फिर फरिश्ता बनी कुन्हाड़ी पुलिस
कहते हैं, डूबते को तिनके का सहारा ही काफी है। यह कहावत शहर की कुन्हाड़ी पुलिस पर सटीक बैठती है। लोगों की जान बचाने के लिए पुलिस फिर से फरिश्ता बनकर पहुंची। चेतराम चौधरी ने बहादुरी की मिसाल पेश की है। दलदल में फंसे घायल युवक को बचाने के लिए चेतराम ने न केवल अपनी जान दांव पर लगाई बल्कि उसे नदी से निकाल करीब 55 मीटर तक कंधे पर लेकर दौड़ते जीप तक पहुंचे। उनका यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इससे पहले 3 अप्रेल को भी हैडकांस्टेबल राधेश्याम व चेतराम सहित अन्य जवानों ने सकतपुरा स्थित 60 फीट गहरी नहर से रेस्क्यू कर मां-बेटे की जान बचाई थी।

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