विधानसभा : भाजपा विधायक का सवाल- भ्रष्टाचार का आरोपी Doctor कैसे बना बूंदी CMHO
कोटा जेकेलोन अस्पताल में कोविड सामग्री खरीद में हुए घोटाले की जांच की मांग की
– शिकायतों के बावजूद कोटा सीएमएचओ पर कार्रवाई नहीं होने का उठाया मुद्दा
TISMedia@Kota. बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल ने विधानसभा में कोटा जेकेलोन अस्पताल द्वारा कोविड किट आइटम खरीद में हुई अनियमितताओं का मामला उठाया। उन्होंने कोटा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) द्वारा अपने कर्मचारियों को प्रताडि़त करने, पद का दुरुपयोग करने का मामला सदन में रखा। विधायक ने एक चिकित्सक के खिलाफ एसीबी में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उसे बूंदी जिले का सीएमएचओ बनाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने राज्य सरकार से भ्रष्टाचार के गंभीर प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
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जेकेलोन में बढ़ी संख्या में कोविड आइटमों की खरीद क्यों ?
विधायक मेघवाल ने शून्यकाल में कहा कि कोरोनाकाल में कोटा में अफरा-तफरी के माहौल का लाभ उठाकर सैनिटाइजर, पीपीई किट, मास्क और आवश्यक उपकरणों की खरीद में जमकर घोटाले किए गए। जेकेलोन अस्पताल में मार्च से सितंबर 2020 के बीच 30 लाख रुपए के पीपीई किट मास्क, सैनिटाइजर और बॉडी कवर सामग्री की खरीद की गई। सरकारी सप्लाई में ये सभी आइटम सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं। इस खरीद के लिए ड्रग वेयर हाउस से एनओसी भी नही ली गई। चौंकाने वाली बात ये है कि कोटा में नए अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड सेंटर बनाया गया था, उसके बाद भी जेकेलोन अस्पताल द्वारा इतनी बढ़ी संख्या में कोविड आइटमों की खरीद क्यों की गई?
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एसीबी में मुकदमा दर्ज फिर भी बना दिया सीएमएचओ
विधायक मेघवाल ने कहा कि कोटा मेडिकल कॉलेज के एक पूर्व चिकित्सक जिसके खिलाफ एसीबी ने मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमा दर्ज होने के कुछ दिनों के बाद ही उसे बूंदी जिले का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बना दिया गया।
कोटा सीएमएचओ पर मेहरबानी क्यो ?
मेघवाल ने कहा कि कोटा जिले का सीएमएचओ के खिलाफ एक दर्जन से अधिक शिकायतें विचाराधीन हैं। कई चिकित्सको और कर्मचारियों ने इसे हटाने को सरकार को पत्र भेजे। वहीं, इसके खिलाफ आए दिन धरना-प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसके बावजूद सरकार इस सीएमएचओ के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही।
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सरकार दे जवाब-कौन दे रहा है इस सीएमएचओ को संरक्षण
महिला उत्पीडऩ का मामला हो या कर्मचारियों से अवैध वसूली का या टेंडरों में गड़बड़ी का। शिकायतों के प्रमाण होने के बावजूद सरकार ने अभी तक वर्तमान कोटा सीएमएचओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इस अधिकारी को कौन संरक्षण दे रहा है। सरकार के लिए भ्रष्ट सीएमएचओ इतना बड़ा हो गया कि उसके लिए जनभावनाओं की अनदेखी की जा रही है।