JEE Main Result 2021 Toppers Talk: ऑल इंडिया टॉपर्स की सफलता की कहानी पढ़िए उनकी जुबानी
TISMedia@Kota एक साल में चार-चार बार एग्जाम… मुकाबला इतना कड़ा कि दशमलव के दसवें स्थान तक की गिनतियां गिन ली गईं… इसके बाद भी उन्हें कोई आल इंडिया टॉपर बनने से रोक नहीं सका। लेकिन, टॉपर बनना इतना आसान नहीं, सालों की मेहनत और कोटा कोचिंग में पढ़ा रही देश की बेस्ट फेकल्टीज का साथ मिलता है तब कहीं जाकर एक या दो नहीं छह छह टॉपर्स एक ही कोचिंग इंस्टीट्यूट से निकलते हैं। आइएस जानते हैं JEE Main Result 2021 में Rank One हासिल करने वाले All India Toppers से उनकी सफलता का राजः-
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सपने पूरे करता है कोटा : सिद्धांत मुखर्जी
आल इंडिया रैंक – 01
जेईई मेन फरवरी – 100 पर्सेन्टाइल
इंस्टीट्यूट : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
कक्षा 10 में 98.4 प्रतिशत
जन्मतिथि – 18 नवम्बर 2003
सिद्धान्त मुखर्जी ने जेईई-मेन में आल इंडिया रैंक 01 प्राप्त की है। इससे पूर्व जेईई-मेन फरवरी में 100 पर्सेन्टाइल के साथ-साथ 300 में से 300 अंक प्राप्त किए हैं। सिद्धान्त ने बताया कि दो साल से एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में पढ़ रहा हूं। मैं आईआईटीयन बनने का सपना लेकर वर्ष 2019 में 11वीं कक्षा में कोटा आया था। पूरे देश के स्टूडेंट्स यहां आते हैं इसलिए पढ़ाई के लिए बेस्ट पीयर ग्रुप मिलता है। मैंने जेईई मेन की तैयारी के लिए एनसीईआरटी पर गहराई से फोकस किया। सबसे ज्यादा एक्यूरेसी पर ध्यान दिया। एलन में कॉम्पिटिशन अच्छा है और टीचिंग मैथड परफेक्ट है। लॉकडाउन में पांच महीने घर चला गया था लेकिन एलन ऑनलाइन क्लासेज ली, जिससे परीक्षा की तैयारी के लिए निरंतरता बनी रही। कक्षा 10वीं में 98.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। एनएसइजेएस स्टेज-1 की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 प्राप्त कर चुका हूं। कोटा में नानी के साथ रहता हूं और जेईई एडवांस्ड के साथ 12वीं बोर्ड की तैयारी में जुटा हुआ हूं। मम्मी-पापा भी कोटा आते रहते हैं। आईआईटी मुम्बई से कम्प्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद सीएस फील्ड में इनोवेटिव इंडिया में अपना योगदान देना चाहता हूं। हाल ही में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई के लिए मुझे ऑफर लेटर प्राप्त हुआ है। पिता संदीप मुखर्जी रिस्क मैनेजमेंट कंपनी संचालित करते हैं तथा मां नबनीता मुखर्जी बैंक कर्मचारी हैं। पढ़ाई के साथ-साथ कराटे का भी शौक है, ब्लैक बेल्ट हूं, क्वींस कॉमनवैल्थ निबंध प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुका हूं। परिवार मूलरूप से मुम्बई निवासी है।
क्रिकेट और चेस खेलने का शौक : अंशुल वर्मा
जेईई-मेन आल इंडिया रैंक – 1
जेईई मेन जुलाई : 100 पर्सेन्टाइल
इंस्टीट्यूट : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
पिता : डॉ. कृष्ण कुमार वर्मा (पशु चिकित्सक, रायपुर)
मां : दमयंती वर्मा (प्रधानाध्यापिका, प्राइमरी स्कूल)
जन्मतिथि : 5 मार्च 2004
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर निवासी अंशुल वर्मा ने जेईई-मेन आल इंडिया रैंक 000 प्राप्त की है। इसके साथ ही जेईई मेन तीसरे सेशन में 300 में से 300 अंक हासिल कर 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किए हैं। अंशुल एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम स्टूडेंट है। अंशुल ने बताया कि मैंने जेईई मेन फरवरी में 99.95 और मार्च अटैम्प्ट में 99.93 पर्सेन्टाइल स्कोर किए थे। मैं दोनों रिजल्ट से संतुष्ट नहीं था। इसलिए मैंने जुलाई में थर्ड अटैम्प्ट दिया, जिसकी तैयारी में मुझे एलन की एक्सपर्ट फैकल्टीज व स्टडी मैटेरियल का काफी सपोर्ट मिला। एनसीईआरटी सिलेबस और जेईई मेन के विशेष टॉपिक्स पर ज्यादा फोकस किया। 10वीं 98.4 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की और केवीपीवाय एसएक्स में ऑल इंडिया 26वीं रैंक हासिल की थी। रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करता हूं और रीक्रिएशन के लिए क्रिकेट खेलने जाता हूं या पापा के साथ चैस खेलता हूं। पिता डॉ. कृष्णकुमार वर्मा पशु चिकित्सक हैं तथा मां दमयंती वर्मा राजकीय स्कूल में शिक्षक हैं। मेरी बड़ी बहिन रूपल वर्मा एनआईटी रायपुर से बीटेक कर रही है। उसने भी कोटा से तैयारी की थी, तभी मुझे भी प्रेरणा मिली, कोटा कोचिंग का कोई मुकाबला नहीं है। मैं एनएसईजेएस और आईएनएमओ की वर्कशॉप के लिए एलन आया था, यहां की फैकल्टीज काफी अनुभवी है और एलन का माहौल भी पॉजिटिव लगा। इसके बाद मैंने जेईई की तैयारी के लिए एलन में एडमिशन लेने का निर्णय लिया। फिलहाल जेईई एडवांस्ड पर फोकस है। मैं भविष्य में आईआईटी मुम्बई की सीएस ब्रांच से बीटेक करना चाहता हूं। जेईई मेन मार्च अटैम्प्ट में एलन कोटा में मेरे क्लासमेट जेनिथ मल्होत्रा ने 100 परसेन्टाइल स्कोर किए थे। हम दोनों साथ रहते थे, एक-दूसरे से डाउट्स को लेकर चर्चा करते थे। मैंने सोचा कि जब वो 100 परसेन्टाइल स्कोर कर सकता है तो मैं क्यों नहीं। कोटा में पूरे देश के विभिन्न राज्यों के स्टूडेंट्स परीक्षा की तैयारी करने आते हैं। इसलिए वहां बेस्ट कॉम्पिटिशन और पीयर ग्रुप मिलता है। इससे स्टूडेंट को खुद की तैयारी के आंकलन का मौका मिलता है। सब एक-दूसरे से बेहतर करने की कोशिश करते हैं और इस वजह से स्टूडेंट की तैयारी में लगातार सुधार आता है।
रोजाना टारगेट लेकर पढ़ाई करता हूंः मृदुल अग्रवाल
इंस्टीट्यूटः एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
जेईई-मेन आल इंडिया रैंक – 1
जेईई-मेन फरवरी- 300 में से 300 व 100 पर्सेन्टाइल
जन्मतिथि – 31 जुलाई 2003
कक्षा 10 में 98.2 प्रतिशत
जेईई मेन में आल इंडिया रैंक 1 प्राप्त करने वाले मृदुल अग्रवाल ने फरवरी जेईई-मेन के बाद मार्च में भी 100 पर्सेन्टाइल प्राप्त किया है। मार्च जेईई-मेन में मृदुल ने 300 में से 300 अंक प्राप्त किए। समय का सदुपयोग करने की कोशिश करने वाले मृदुल अग्रवाल ने कहा कि मैं पिछले तीन साल से एलन में पढ़ रहा हूं। 100 पर्सेन्टाइल को लेकर कोशिश की थी, जो सफल रही। मैं रोजाना का टारगेट लेकर पढ़ाई करता हूं और उस दिन वो टॉपिक खत्म करके ही सोता हूं, सुबह की भी तैयारी रहती है कि अगले दिन क्या पढ़ाई करनी है। रोजाना 6 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी हो जाती है। लॉकडाउन के चलते पिछले दिनों मुझे लाभ हुआ। घर बैठकर ही पढ़ाई की, ऑनलाइन से बहुत लाभ हुआ। इसके साथ ही एलन से ऑनलाइन पढ़ाई में अन्य स्टूडेंट्स का साथ मिला तो डाउट इंटरेक्शन और बढ़ गया। अब जेईई-एडवांस्ड का टारगेट है और आईआईटी मुम्बई से कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई करना चाहता हूं। पापा प्रदीप अग्रवाल एक प्राइवेट फर्म में अकाउंट्स मैनेजर हैं। वहीं मां पूजा अग्रवाल गृहिणी हैं। मुझे पूरे साल मां और टीचर्स ने पढ़ाई के लिए खूब मोटिवेट किया। मूवीज देखना अच्छा लगता है। कक्षा 10 में सीबीएसई बोर्ड में 98.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहता हूं। परिवार मूलतः जयपुर निवासी है।
मैथ्स फेवरेट, सवाल हल करने में मजा आता है : पुलकित गोयल
इंस्टीट्यूटः एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
जेईई-मेन एआईआर : 1
जेईई-मेन-जुलाई स्कोर : 100 पर्सेन्टाइल
पिताः विजय कुमार गोयल (व्यापारी)
मांः नीलम गोयल
जन्मतिथिः 15 अप्रैल 2003
जेईई मेन में ऑल इंडिया 1 रैंक प्राप्त पुलकित पंजाब में भटिण्डा के निवासी है। पुलकित ने बताया कि मैं पिछले दो साल से एलन का रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट हूं। मैंने इस वर्ष जेईई मेन फर्स्ट अटैम्प्ट में 99.88, सैकंड अटैम्प्ट में 99.92, थर्ड अटैम्प्ट में 99.99 परसेन्टाइल स्कोर किए थे। इसके अलावा 12वीं कक्षा में 94.8 एवं 10वीं कक्षा में 98.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। एलन में पढ़ाई के लिए बेहतरीन माहौल है, यहां की टीचिंग मैथेडोलॉजी तो बेस्ट है इसके अलावा फैकल्टीज काफी सपोर्टिव है। कभी कोई डाउट होता तो फैकल्टीज मदद के लिए तैयार रहती है। मैथ्स शुरु से मेरा फेवरेट सब्जेक्ट रहा है। सम सॉल्व करने में जो मजा है, वो किसी में नहीं। मेरा हमेशा फोकस रहा है कि सब्जेक्ट के बेसिक्स मजबूत करूं। एलन में मुझे इसका फायदा मिला। रोजाना 7 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं और अब जेईई एडवांस्ड क्रेक करने पर पूरा फोकस है। रीक्रिएशन के लिए फैमिली के साथ समय बिताता हूं। मैं आईआईटी मुम्बई से सीएस ब्रांच से इंजीनियरिंग करना चाहता हूं।
आईआईटी मुम्बई से कम्प्यूटर साइंस पढ़ना है लक्ष्य : काव्या चौपड़ा
इंस्टीट्यूटः एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
जेईई-मेन आल इंडिया रैंक –01
जेईई मेन मार्च : 300/300 व 100 पर्सेन्टाइल
पिताः विकास चौपड़ा (सॉफ्टवेयर इंजीनियर)
मांः शिखा चौपड़ा (टीचर)
जन्मतिथिः 6 जनवरी 2004
काव्या चौपड़ा ने जेईई-मेन में आल इंडिया रैंक 01 प्राप्त की है। इससे पूर्व जेईई-मेन मार्च में 100 पर्सेन्टाइल के साथ-साथ 300 में से 300 अंक प्राप्त किए हैं। काव्या आईआईटी मुमबई से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक करना चाहती है। काव्या पहली छात्रा है जिसने जेईई मेन परीक्षा में पूरे में से पूरे अंक हासिल किए हैं। काव्या ने बताया कि मैंने फरवरी अटैम्प्ट में 99.97 पर्सेन्टाइल स्कोर किए थे लेकिन मेरा टारगेट 100 पर्सेन्टाइल स्कोर का था, इसलिए मैंने जेईई मेन मार्च अटैम्प्ट दिया। मैंने 15 दिनों के अंतराल में कैमिस्ट्री पर ज्यादा ध्यान दिया और मार्च अटैम्प्ट दिया। मैंने 10वीं कक्षा 97.6 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है। 11वीं कक्षा में एनएसइए और 9वीं कक्षा से लगातार आरएमओ क्वालिफाइड कर रही हूं। 10वीं कक्षा में आइएनजेएसओ क्वालिफाइड करने के बाद होमी जहांगीर भाभा सेंटर, मुम्बई में आयोजित कैम्प में शामिल हुई थी। आईओक्यूपी, आईओक्यूसी और आईओक्यूएम तीनों क्वालिफाइड कर चुकी हूं। मैं रोजाना 7-8 घंटे सेल्फ स्टडी करती हूं और तीनों सब्जेक्ट्स को बराबर समय देती हूं। कोटा जैसा माहौल, बेस्ट पीयर ग्रुप और कम्पीटिशन देश में कहीं नहीं है, इसलिए मैंने जेईई की तैयारी के लिए कोटा आने का निर्णय लिया। एलन में अनुभवी फैकल्टीज है जो पूरा सपोर्ट करती है। भविष्य में आईआईटी मुम्बई सीएस ब्रांच से बीटेक करने के बाद सोफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती हूं। परिवार मूलरूप से दिल्ली में निवास करता है। पिता इंजीनियर हैं तो मेरी भी रूचि इंजीनियरिंग में थी। मैथ्स और फिजिक्स पसंद है इसलिए जेईई में जाना तय किया।
लॉकडाउन में एलन सपोर्ट से हुआ फायदा : गुराम्रित सिंह
आल इंडिया रैंक – 1
जेईई-मेन फरवरी- 100 पर्सेन्टाइल
इंस्टीट्यूट : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
जन्मतिथि – 4 मार्च 2003
कक्षा 10 में 97 प्रतिशत
जेईई-मेन फरवरी में 100 पर्सेन्टाइल स्कोर करने वाले गुराम्रित सिंह ने बताया कि सुबह के समय दो घंटे फिजिक्स पढ़ता हूं। इसके बाद दो से तीन घंटे कैमेस्ट्री दिन में और रात को मैथ्स पढ़ता हूं। लॉकडाउन के समय कोचिंग नहीं गया तो आने-जाने में जो टाइम बचा उसे भी पढ़ने में काम लिया। लॉकडाउन से फायदा हुआ और फेकल्टीज हर समय डाउट के लिए मिली। एलन की ऑनलाइन क्लासेज टाइम से शुरू होना बहुत लाभदायक रहा। मैंने कक्षा 10 में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। इसके अलावा एनएससीजेएस, एनएससीईए, एनटीएसई स्टेज-2, केवीपीवाई, आरएमओ क्वालीफाई किया है। रोजाना पढ़ाई के साथ शाम को दो घंटे क्रिकेट या फुटबाल खेलता हूं। जेईई-एडवांस्ड की तैयारी कर रहा हूं। रिक्रिएशन के लिए मम्मी-पापा से बातचीत करता हूं। पिता प्रियदर्शन सिंह कपड़े के व्यापारी हैं तथा मां प्रिती गृहिणी हैं। इंजीनियरिंग के बाद बड़ी कंपनी में सर्विस करना चाहता हूं। परिवार मूलतः चंडीगढ़ में निवास करता है।