राजस्थानः सफाई कर्मचारियों से भी घूस लेने से बाज नहीं आ रहे कांग्रेसी, एसीबी ने दो को रंगे हाथ दबोचा

सूबे में सरकार और नगर निगम में बहुमत की हनक दिखाकर की कांग्रेसी पार्षद कर रहा था अवैध वसूली

  • कोटा दक्षिण वार्ड 10 के पार्षद कमल मीणा और उसके मुंशी को 5 हजार की घूस लेते दबोचा 
  • सफाई कर्मचारी नौ महीने से रुकी हुई सेलरी और दोबारा काम पर रखने के लिए मांगी थी घूस 

TISMedia@KOTA. राजस्थान के नगर निगमों में फैले भ्रष्टाचार का लगातार खुलासा हो रहा है। जयपुर महापौर के बाद अब कोटा दक्षिण नगर निगम के कांग्रेसी पार्षद कमल मीणा और उसके प्राईवेट मुंशी को कोटा एसीबी ने सफाई कर्मचारी से पांच हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथ धर दबोचा। कांग्रेस का पार्षद सफाई कर्मचारी काम पर रखने और नौ महीने से रुका हुआ वेतन दिलाने के लिए यह घूस ले रहा था।

भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की ताबड़तोड़ कार्यवाहियों के बावजूद घूसखोरों के हौसले पस्त होने का नाम नहीं ले रहे। आलम यह है कि अभी तक तो सरकारी अफसर ही एसीबी के शिकंजे में फंस रहे थे, लेकिन बीते एक महीने से राजस्थान की सियासत में लगी घूसखोरी की घुन लगातार खुलकर सामने आ रही है। राजधानी जयपुर की सफाई का ठेका लेने वाली कंपनी बीवीजी से घूस मांगने के आरोप में जयपुर की ग्रेटर नगर निगम की निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम की संलिप्तता का खुलासा होने के बाद एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार किया ही था कि इसी घूसकांड में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रचारक (आरएसएस) के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम का नाम भी सामने आने के बाद राजस्थान में मचा सियासी घमासान अभी थमा भी नहीं था कि कोटा में सत्ताधारी दल कांग्रेस के पार्षद को एसीबी ने घूस लेते हुए रंगे हाथ धर दबोचा।

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जमादार ने काम करने से रोका 
कोटा एसीबी के अतरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि कोटा दक्षिण नगर निगम में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत परिवादी कुणाल ने एसीबी कोटा शहर चौकी पर परिवाद दर्ज करवाया कि उसने साल 2018 में कोटा नगर निगम में सफाई कर्मचारी के पद पर ज्वाइन किया था। अगस्त 2019 से जून 2020 तक बीमार हो जाने के कारण मेडिकल पर रहा और तबियत ठीक होने पर सितम्बर 2020 से दोबारा नौकरी शुरू कर दी। आयुक्त नगर निगम कोटा के आदेश से उसे ज्वाइनिंग दी गई थी। तब से लेकर वह 25 जून 2021 तक लगातार कोटा दक्षिण नगर निगम के वार्ड 10 के सेक्टर पांच में नौकरी कर रहा था, लेकिन 26 जून की सुबह जब वह काम करने पहुंचे तो सेक्टर 5 के इंचार्ज जमादार रामलाल टांक ने उसे ड्यूटी करने से रोक दिया।

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नौकरी करनी है तो देनी होगी मासिक बंधी 
सफाई कर्मचारी कुणाल सरसिया ने जब जमादार से ड्यूटी से हटाने की वजह पूछी तो उसने वार्ड पार्षद कमल मीणा के पास जाने के लिए कह दिया और बताया कि पार्षद ने उन्हें ड्यूटी न करने देने के निर्देश दिए हैं। कुणाल जब कांग्रेसी पार्षद कमल मीणा के पास पहुंचा तो उसने पहले तो ड्यूटी से हटाने की धमकी दी और फिर काम करने के एवज में हर महीने पांच हजार रुपए की मासिक बंधी देने के लिए कहा। पार्षद कमल मीणा ने घूस न देने पर कुणाल को नौकरी से निकालने की धमकी दी। कुणाल काम न कर सके इसके लिए पार्षद ने सफाई कर्मचारियों की हाजिरी का रजिस्टर भी अपने पास रख लिया। कुणाल ने बताया कि पार्षद ने उसे बताया कि जो मासिक बंधी देता है उसे ही वार्ड में काम करने देते हैं।

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पांच हजार की घूस लेते रंगे हाथ दबोचा 
सफाई कर्मचारी कुणाल ने माली हालत ठीक न होने का हवाला दिया तो पार्षद कमल मीणा और पार्षद के प्राईवेट मुंशी सुनील गोचर ने उसे दुत्कार दिया। जिसके बाद कुणाल ने एसीबी में परिवाद दर्ज कराया। परिवाद मिलने के बाद कोटा एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने एक जुलाई को शिकायत की पुष्टि करवाई। रिश्वत मांग सत्यापन के दौरान आरोपी पार्षद कमल मीणा ने परिवादी को ड्यूटी पर लेने की एवज 5000 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से बतौर रिश्वत की मांग की। जिस पर एसीबी ने शनिवार को ट्रैप कार्यवाही का आयोजन किया। एसीबी ने परिवादी के जरिए घूस दिलाने के लिए पार्षद कमल मीणा और मुशी सुनील गोचर को अन्नतपुरा थाना चौराहा पर स्थित यात्री प्रतिक्षालय पर मिलकर घूस की रकम लेने के लिए बुलाया। फोन करते ही दोनों मौके पर पहुंच गए और जब सफाई कर्मचारी कुणाल ने पार्षद कमल मीणा को घूस के पांच हजार रुपए दिए तो उसने मुंशी सुनिल गोचर को यह रकम रखने के लिए दिलवा दी। सुनील गोचर ने स्वयं हाथ मे लेकर 5000 रूपये प्राप्त कर पहनी हुई जीन्स की पेन्ट की बांयी साईड की पीछे की जेब में रख लिए। घूस लेते ही मौके पर मौजूद एसीबी के डिप्टी एसपी हर्षराज सिह खरेडा और उनकी टीम ने कमल मीणा और सुनिल गोचर को रंगे हाथ धर दबोचा। एसीबी फिलहाल दोनों से थाना अनन्तपुरा में पूछताछ कर घूसखोरी के पूरे नेटवर्क की जानकारी लेने में जुटी है।

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रुका हुआ वेतन दिलाने के लिए मांगे 10 हजार 
सफाई कर्मचारी कुणाल ने बताया कि कांग्रेसी पार्षद कमल मीणा और उसके मुंशी सुनील गोचर ने उसके नौ महीने से रुके हुए वेतन को दिलवाने के लिए भी 10 हजार रुपए की घूस मांगी थी। कुणाल ने बताया कि पार्षद कमल मीणा का मुंशी सुनील पार्षद के लेन देन का काम करता है। मुंशी सुनील गोचर ही पार्षद कमल मीणा के कहने से सभी सफाई कर्मचारियों की हाजरी रजिस्टर में गैर हाजरी लगवाता है। मुंशी सुनिल गोचर ने भी उक्त पार्षद के लिये पांच हजार रूपये प्रतिमाह के हिसाब से दो माह के बकाया और नौ महीने का वेतन दिलाने के लिए दस हजार रूपये पहले देने के लिए दवाब डाला था। कांग्रेसी पार्षद और उसके मुंशी को घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार करने वालों में एसीबी के पुलिस निरीक्षक नरेश चौहान, वरिष्ठ लिपिक दिलीप सिंह, देवेन्द्र सिंह, भरत सिंह, नरेन्द्र सिंह, बृजराज, मनोज कुमार, मुकेश सैनी, जोगेन्द्र सिंह और सरोज आदि लोग शामिल थे।

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