दर्दनाक मौत: आग का गोला बना कमरा, दादी-पौता जिंदा जला, खौफनाक मंजर देख कांप उठा कलेजा

अलवर. अलवर जिले के बूबकहेड़ा गांव में देर रात दिल दहला देने वाला हादसा घटित हो गया। ( Burn Alive Case ) मंजर इतना खौफनाक था कि जिसकी भी आंखों के सामने आया वो कांप उठा। दरअसल हुआ यूं, बूबकहेड़ा गांव में आग में जिंदा जलने से दादी के साथ पौते की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि, पौती भी झुलस गई।
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जानकारी के अनुसार अयूब ने टपूकड़ा थाना में दर्ज करवाई रिपोर्ट में बताया कि सोमवार देर रात बेटा अयान (3) उसकी दादी मरियम (60) के साथ सो रहा था। तभी, बिजली चली गई। घर में अंधेरा होने पर दादी ने मोमबत्ती जलाई और पलंग के पास रखकर सो गई। वहां कमरे में कपास व डीजल से भरी कैन रखी हुई थी। अचानक मोमबत्ती गिरने से कपास में आग लग गई। पलंग के पास रखे डीजल ने आग पकड़ ली। इससे लपटे आग के गोले में तब्दील हो गई। एक मिनट में ही कमरा आग के हवाले हो गया।
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दादी-पौता कुछ समझ पाते उससे पहले ही आग से उठा जहरीले धुएं से दोनों बेहोश हो गए। वहीं, कमरे में रखे रजाई-गद्दे, कपड़े और पलंग जलकर खाक हो गए। धुएं के कारण घर के अन्य कमरों में सो रहे परिजन की नींद खुली तो दौड़कर दादी के कमरे की ओर पहुंचे। दरवाजा बंद था, जिसे तोड़ घर के सदस्य अंदर दाखिल हुए। सामने मंजर बेहद खौफनाक था। दादी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पौते की सांसे चल रही थी। इस पर परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से चिकित्सकों ने अलवर अस्पताल फिर जयपुर रैफर किया। लेकिन, मासूम अयान का रास्ते में ही दम टूट गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
बाल-बाल बची बालिका
घटनास्थल के ठीक सामने कमरे में सो रही पौती आयशा तक आग नहीं पहुंच सकी। इससे उसकी जान बाल-बाल बच गई। हालांकि वह मामूलीरूप से जख्मी हो गई।
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मातम में डूबा गांव
दर्दनाक हादसे की जानकारी ग्रामीणों को देर रात ही लग गई थी। कमरे की हालत देख लोगों का कलेजा कांप उठा। आंखों में वही खौफनाक मंजर सामने आने लगा। दादी-पौते की मौत से हरकोई गमजदा नजर आया। पूरा गांव मातम में डूृबा हुआ था। परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल था। जिन्हें संभालते वक्त गांववासियों की भी आंखें नम हो गई। मंगलवार सुबह गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।