BIG News : कोरोना की चपेट में आया रावण हुआ बौना

कोटा. असत्य पर सत्य की जीत का प्रतिक विजयादशमी पर आयोजित होने वाले रावण दहन, मेले व सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर वैश्विक महामारी कोरोना का ग्रहण लग गया है। देश-विदेश में ख्याति प्राप्त कोटा दशहरा मेला भी इससे अछूता नहीं रहा। इस बार 127वां राष्ट्रीय दशहरा मेला भी निरस्त हो गया है। वहीं, कोरोना की चपेट में आने से रावण सहित मेघनाथ, कुंभकर्ण का कद भी घट गया है। जबकि गत वर्ष रावण का पुतला करीब 70 फीट था, जो इस बार मात्र 15 फीट का ही रह गया है। हालांकि सांकेतिक रूप से रावण दहन कर परम्परा का निर्वहन किया जाएगा। वहीं, शहरभर व ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं हो पाएंगे।

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इसके अलावा डीसीएम के श्रीराम मंदिर में आयोजित होने वाला रावण दहन इस बार नहीं होगा। इससे बरसों पुरानी परम्परा भी टूट जाएगी। शिक्षा नगरी में डीसीएम के रावण दहन की खास पहचान है। यहां बड़ी संख्या में शहरवासी बुराई पर अच्छाई की जीत के साक्षी बनते हैं। हालांकि, कोरोना संक्रमण के कारण यह निर्णय लिया गया है।

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यहां मेघनाथ व कुंभकर्ण का नहीं होगा दहन
स्टेशन क्षेत्र में रेलवे कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में इस बार मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतलों का दहन नहीं किया जाएगा। हालांकि शिव मंडल की ओर से परम्परा का निर्वाह करते हुए रावण का दहन किया जाएगा। यहां 11 फीट के रावण के पुतले का ही दहन होगा। जबकि पिछले वर्ष 60 फीट का रावण और 45 फीट के मेघनाथ और कुंभकरण का दहन किया गया था। साथ ही इस बार स्थानीय लोग ही रावण को आकार देने में जुटे हैं।

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