पति ने 2 लाख में किया था पत्नी की मौत का सौदा, पढि़ए, नीलिमा हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा

कोटा. मध्यप्रदेश व राजस्थान बोर्डर स्थित पार्वती नदी किनारे 6 दिन पहले हुए नीलिमा हत्याकांड ( Murder case ) का पुलिस ने बुधवार को पर्दाफाश कर दिया है। आरोपी पति सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि आरोपी पति गोपाल ने अपने दोस्त मुन्ना के सहयोग से पत्नी की हत्या का षड्यंत्र रचा। मुन्ना ने दो भाड़े के हत्यारों से 2 लाख रुपए में सौदा तय करवाया। चारों ने मौका पाकर महिला की 12 नवम्बर को नृशंस हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी पति ने खुद को घायल करवाकर लूट की कहानी पुलिस ( kota police ) को बताई है। पुलिस ने वारदात में शामिल महिला के पति गोपाल गौतम, दोस्त मुन्ना व अनंतपुरा निवासी भाड़े के दो हत्यारे आशिफ उर्फ पोला और सोहैल उर्फ बीड़ी को गिरफ्तार किया।
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2 लाख रुपए में तय हुआ मौत का सौदा
पुलिस ने बताया कि आरोपी की दो साल पहले नीलिमा से शादी हुई थी। शादी के बाद से ही अक्सर दोनो में लड़ाई झगड़े होते रहते थे। आए दिन मनमुटाव के कारण माता-पिता व भाइयों में भी नहीं बन रही थी। वह परिवार से दूर होता जा रहा था। गोपाल ने दोस्त मुन्ना से पत्नी की हत्या करवाने को कहा। इस पर मुन्ना ने अपने परिचित आशिफ उर्फ पोला को हत्या करने को कहा। इसके लिए 2 लाख रुपए में सौदा तय हुआ। इसके बाद आरोपी पति ने 15 हजार रुपए एडवांस आशिफ के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए स्थान का चयन किया।
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एक माह से थे घात में
नीलिमा की हत्या के लिए आरोपी एक माह से घात लगाए बैठे थे। लेकिन, महिला के घर से बाहर नहीं निकलने की वजह से वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। इससे परेशान पति गोपाल ने षडय़ंत्र के तहत 12 नवम्बर को गुसाईं महाराज के दर्शन के बहाने पत्नी को लेकर दोपहर में घर से निकला। वापस लौटते समय पूर्व नियोजित स्थान मध्यप्रदेश व राजस्थान बॉर्डर के पास पार्वती नदी की पुलिया पर चारों ने मिलकर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर नीलिमा की हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपी पति गोपाल ने खुद को घायल करवाकर पुलिस को लूट की झूठी कहानी सुनाकर गुमराह किया।
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ऐसे पकड़ में आए हत्यारे
पुलिस ने मृतका के परिजनों, परिचितों, पड़ोसियों व रिश्तेदारों से उसके चरित्र, व्यवहार सहित अन्य विषयों पर जांच की। जिसमें कोई ऐसी बात सामने नहीं आई जिससे कोई ऐसी दुशमनी निकाले। इसके बाद पुलिस ने घटना के दिन मृतका व उसके पति की गतिविधियां व रास्ते में आने जाने वाले व्यक्ति व सीसीटीवी फुटेज चेक किए। जिसमें पुलिस को महिला के पति की संलिप्तता होना सामने आ रहा था। तकनीकी अनुसंधान में पुलिस कांस्टेबल भूपेंद्र सिंह व भूपेंद्र नागर को वारदात को अंजाम देने के लिए गोपाल द्वारा एक नया मोबाइल खरीदने का पता चला। जिसपर तकनीकी अनुसंधान में हत्याकांड का खुलासा हुआ। पुलिस ने चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें आरोपियों ने हत्या की वारदात करना स्वीकार किया।