अमेरिकी संसद पर ट्रंप समर्थकों का धावा, गोलीबारी में चार की मौत

TISMedia.  दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने विद्रोह कर दिया है. उन्होंने अमेरिका की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक संसद पर हमला बोल दिया. सीनेट के अंदर फायरिंग की. हिंसा में करब चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. अमेरिका की के इस घटनाक्रम ने दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को झकझोर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के अन्य नेताओं ने इसकी निंदा करते हुए शांतिपूर्वक सत्ता हस्तातंरण का संदेश दिया है.

अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे. इसमें जो बाइडन को 306 इलेक्ट्रोल वोटों के साथ बड़ी जीत हासिल हुई. जबिक निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 232 इलेक्ट्रोल वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि ट्रंप ने बाइडन की जीत को चुनाव में धांधली बताकर खारिज कर दिया था. वे लगातार ऐसा करते आ रहे हैं. चूंकि आगामी 20 जनवरी को जो बाइडन को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेनी है. उससे पहले ही ट्रंप समर्थकों के इस हिंसक रूप ने दुनिया को चौंका दिया है. घटना पर नाराजगी हुए निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि लोकतंत्र अप्रत्याशित रूप से खतरे में है. मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपील करता हूं कि वे संविधान की रक्षा का पालन करते हुए कैपिटल को कब्जा मुक्त कराएं. क्योंकि ये विरोध नहीं फसाद है.

बाइडन को प्रमाण पत्र देने के विरोध में हिंसा

ये हिंसा उस वक्त भड़की जब सीनेट में जो बाइडन को राष्ट्रपति चुने जाने का शपथ पत्र देने को लेकर बहस चल रही थी. क्योंकि कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने चुनाव नतीजों पर सवाल उठाए थे. वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप उप राष्ट्रपति माइक पेंस पर शपथ पत्र न जारी करने का दबाव बनाते आ रहे हैं. सीनेट में प्रमाण पत्र की औपचारिक प्रक्रिया के बीच ये एक हिंसक भीड़ ने धावा बोल दिया.

छत दीवारों से घुसे उपद्रवी, सीटों के नीचे छिपे सांसद

हथियाबंद उप्रदवियों के सीनेटे में घुसकर तोड़फोड़ करने से सांसद हक्के बक्के रह गए. आरोप है कि एक उप्रदवी ने फायरिंग कर दी. जान बचाने के लिए कई सांसद कुर्सियों के नीछे छपने को मजबूर हुए. बहरहाल, अमेरिका के कैपिटल हिल्स में ट्रंप समर्थक अभी भी डटे हैं. दूसरी तरफ संसद के बाहर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है. घटना पर उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने भी नाराजगी जताते हुए निंदा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि वॉशिंगटन डीसी में हिासा की खबरों ने परेशान किया. शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण जारी रहना चाहिए. लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी विरोध के माध्यम से विकृत नहीं होने दिया जा सकता.

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