श्रीकांत शर्मा को नहीं मिली योगी कैबिनेट में जगह, लेकिन BJP देगी ये बड़ी जिम्मेदारी
मथुरा से लोकसभा चुनाव की करेंगे तैयारी, साथ ही मिल सकती है प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी
TISMedia@Lucknow उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में दोबारा सरकार की ताजपोशी हो गई। लेकिन, कई ऐसे बड़े नाम जिन्हें संगठन में खासी तवज्जो दी जाती है योगी 2.0 की लिस्ट से गायब हो गए। ऐसे में सत्ता के गलियारों में दिन भर सवाल उठता रहा कि आखिर भारतीय जनता पार्टी इन दिग्गज नेताओं को लेकर क्या योजना बना रही है? खासतौर पर संगठनात्मक रणनीति के माहिर माने जाने वाले नेताओं को लेकर खासी कानफूसी चलती रही।
योगी कैबिनेट से बाहर किए गए सबसे चर्चित नामों में से एक था श्रीकांत शर्मा। श्रीकांत शर्मा ने भाजपा में अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया मैनेजर की बनाई थी। उन्होंने लंबे समय तक अशोका रोड़ स्थित भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में मीडिया का प्रबंधन किया। दिल्ली से निकलकर श्रीकांत सीधे मथुरा पहुंचे और पार्टी ने उन्हें विधानसभा का टिकट दे दिया। पहली ही बार में न सिर्फ चुनाव जीते, बल्कि कैबिनेट मंत्री भी बनाए गए, लेकिन जब योगी दूसरी बार सीएम बने तो उनकी कैबिनेट से यह नाम गायब था। ऐसे में सूत्रों के हवाले से खबर है कि मथुरा से दोबारा जीते श्रीकांत शर्मा को यूपी बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
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पार्टी में बढ़ेगा कद
2022 के विधान सभा चुनावों में पश्चिमी क्षेत्र से भाजपा को जीत दिलाने में श्रीकांत शर्मा का बड़ा हाथ माना जाता है। वे मथुरा से दोबारा जीतकर विधायक बने हैं और उसी जिले में पांचों विधान सभा सीटें BJP ने ही जीतीं। ऐसे में श्रीकांत शर्मा को कैबिनेट से बाहर करने और पार्टी में कद बढ़ाने की खबरें हैं। फिलहाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह हैं और उन्हें योगी सरकार में मंत्री बनाया गया है।
स्वतंत्र देव की तरह मिलेगी जिम्मेदारी levitra cijena!
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में वे ऊर्जा मंत्री थे और उनके कार्यकाल के दौरान ऊर्जा मंत्रालय की ओर से तमाम बड़े काम किए गए। जिनमें एक ये भी था कि यूपी में बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाया गया, जिसे कि योगी सरकार बड़ी उपलब्धि मानती है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि स्वतंत्रदेव की तरह उनकी भी पार्टी अध्यक्ष पद पर ताजपोशी हो सकती है। आपको बता दें कि जब साल 2017 में भाजपा सरकार बनी थी तो स्वतंत्र देव सिंह ने परिवहन मंत्रालय संभाला था लेकिन बाद में उन्हें पार्टी में बड़ी कमान सौंपी गई।
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अब जान लीजिए किन मंत्रियों को दोबारा मौका नहीं मिला
श्रीकांत शर्मा अकेले ऐसे विधायक नहीं हैं जिन्हें भाजपा ने दुबारा मंत्रालय नहीं दिया। दोबारा मंत्री न बनाए जाने वाले नेताओं की भाजपा में लंबी फेहरिस्त है। जिसमें डॉ. दिनेश शर्मा और आशुतोष टंडन से लेकर सतीश महाना, सिद्धार्थनाथ सिंह, महेंद्र सिंह, रामनरेश अग्निहोत्री, जय प्रताप सिंह, नीलकंठ तिवारी, नीलिमा कटियार, अशोक कटरिया, श्रीराम चौहान, मोहसिन रजा, मनोहर लाल मुन्नू कोरी, सुरेश कुमार पासी, अनिल शर्मा, महेश चंद्र गुप्ता, डा. जीएस धर्मेश, लाखन सिंह राजपूत, चौधरी उदय भान सिंह, रमाशंकर सिंह पटेल, जय कुमार सिंह जैकी, अतुल गर्ग और अजित पटेल भी शामिल हैं। हालांकि माना तो यह भी जा रहा है कि इनमें से कई लोगों को 2024 के लोकसभा इलेक्शन की तैयारी के लिए अभी से संकेत दे दिए गए हैं।