मरीज को 10 KM ले जाने को एम्बुलेंस चालक ने मांगे 3500 रुपए, पुलिस ने दबोचा
कोटा קניית ויאגרה. कोरोना महामारी में जहां लोगों की सांसें अटकी हुई हैं, वहीं, एम्बुलेंस चालक मरीजों की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहे हैं। सरकार द्वारा तय कीमतों से तीन गुना ज्यादा किराया वसूल रहे हैं। आपदा में अवसर का मौका तलाशने वाले लालचियों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। कोटा पुलिस ने सोमवार को डिकॉय ऑपरेशन कर एक एम्बुलेंस चालक को गिरफ्तार कर वाहन जब्त किया है। एम्बुलेंस चालक डकनिया स्टेशन विज्ञान नगर से न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल तक का 3500 रुपए किराया मांग रहा था।
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शहर पुलिस अधीक्षक विकास पाठक ने बताया कि कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने एम्बुलेंस के किराया निर्धारित किया हुआ है। इसके बावजूद एंबुलेंस चालकों व संचालकों की अवैध वसूली के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मोटा मुनाफा कमाने के लिए मरीजों से भारी-भरकम किराया वसूल रहे हैं। लगातार शिकायतें मिल रही थी। इस पर विज्ञान नगर थाने के सीआई अमर सिंह राठौड व जिला विशेष टीम प्रभारी नीरज गुप्ता के नेतृत्व में विशेष टीम गठित कर डिकॉय ऑपरेशन किया गया।
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सादा वर्दी में पुलिसकर्मी ने उद्योग नगर स्थित चंद्रशेखर आवासीय योजना निवासी एम्बुलेंस चालक चंद्रप्रकाश नागर से कोरोना मरीज को डकनिया स्टेशन से न्यू मेडिकल कॉलेज ले जाने को कहा। इस पर एम्बुलेंस चालक ने 3500 रुपए किराया मांगा। जबकि, राज्य सरकार द्वारा 10 किमी से कम दूरी पर एम्बूलेंस का किराया 500 रुपए निर्धारित है। किराया कम देने पर उसने मरीज को ले जाने से मना कर दिया। इस पर पुलिस ने महामारी एक्ट के तहत आरोपी चंद्रप्रकाश नागर के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया। साथ ही एम्बुलेंस भी जब्त की गई। सीआई अमर सिंह ने बताया कि जांच में पता चला कि आरोपी एम्बुलेंस चालक चंद्रप्रकाश ने सोमवार सुबह एक मरीज को न्यू मेडिकल कॉलेज से मैत्री हॉस्पिटल तक ले जाने के लिए 3500 रुपए किराया वसूला है। उन्होंने बताया कि निर्धारित दरों से ज्यादा किराया वसूलने वाले एम्बुलेंस चालकों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।