#TIS_Impact: अब नहीं होगी कोटा थर्मल की पहली और दूसरी इकाई बंद, मंत्री धारीवाल ने दिया वीडियो बयान
TISMedia@कोटा. कोटा थर्मल प्लांट की पहली और दूसरी इकाइयों को 30 जून 2021 तक बंद करने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। इस बारे में मंत्री धारीवाल ने जयपुर से एक वीडियो बयान जारी कर बताया कि समाचार पत्रों में पहली और दूसरी यूनिट को बंद करने के समाचार के बाद उन्होंने ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और सचिव दिनेश कुमार से चर्चा की। चर्चा के बाद ये तय हुआ कि कोटा थर्मल की पहली और दूसरी इकाई को बंद नहीं किया जाएगा।
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दिसंबर 2022 तक चालू रहेगी पहली और दूसरी इकाई
कोटा थर्मल प्लांट की पहली और दूसरी इकाई को बंद करने के निर्णय के खिलाफ टिस मीडिया ने सबसे पहले कैंपेन चलाया। जिसमें कोटा थर्मल को 31 दिसंबर 2022 तक पहली और दूसरी इकाई चलाने की केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से मिली स्वीकृति के बाद भी 30 जून 2021 को बंद किए जाने के खिलाफ आवाज उठाई। आम जनता में कोटा थर्मल की पहली और दूसरी इकाई के बंद किए जाने के निर्णय को लेकर आक्रोश था। आम जनता का वरोध देख दिग्गज नेता भी सरकार के इस फैसले के खिलाफ उठ खड़े हुए। नतीजन सरकार ने अपना फैसला बदला, मंत्री धारीवाल ने अपने वीडियो बयान में बताया कि कोटा थर्मल की 1 नंबर से लेकर 7 नंबर यूनिट 31 दिसंबर 2022 तक चालू रहेगी। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि दिसंबर 2022 के बाद ये चालू रहेगी या नहीं रहेगी।
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दिसंबर 2022 के बाद लगेगा सोलर प्लांट
मंत्री धारीवाल ने आगे कहा कि राजस्थान सरकार को 31 दिसंबर 2022 के पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण स्वीकृति मिल गई तो आगे भी पहली व दूसरी इकाई चालू रहेगी। अगर स्वीकृति नहीं मिलती है, तो राजस्थान सरकार पहली और दूसरी इकाई के बजाय यहां पर सोलर प्लांट लगाएगी। राज्य सरकार के इस फैसले से आम जनता में प्रसन्नता देखने को मिली। शहर के विभिन्न संगठनों ने यूडीएच मंत्री धारीवाल का आभार जताया।
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जनता के हित में लिया फैसला
बता दें कि कोटा थर्मल की पहली और दूसरी इकाई को 30 जून से बंद करने के आदेश जारी होने के बाद से ही आम जनता से लेकर, व्यापारी, राजनीतिक दल तक फैसले के विरोध में जुट गए। सभी का कहना था कि कोटा थर्मल की दो इकाइयों के बंद करने का निर्णय कोटा की अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित होगा। शहर के लोगों ने राज्य सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की। यहां तक की कोटा में थर्मल बचाओ संघर्ष समिति का गठन कर इस मामले को लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार करने में जुट गए।