एसीबी ने रेलवे का सीनियर सेक्शन इंजीनियर को 35 हजार की घूस लेते रंगे हाथ दबोचा
कोटा. कोटा एसीबी ने मंगलवार देर रात बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। एसीबी टीम ने रात 11.30 बजे कोटा मंडल रेलवे के सेक्शन इंजीनियर को 35000 हजार की घूस लेते रंगे हाथ दबोचा। आरोपी गाडिय़ों के बिल पास करने की एवज में परिवादी से रिश्वत मांग रहा था।
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एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि 12 नवम्बर 2020 को परिवादी ने शिकायत दी थी कि वह प्राइवेट कम्पनी में काम करता है। वर्ष 2019 में कम्पनी को कोटा मंडल रेलवे में किराए पर वैन चलाने का ठेका मिला था। उनकी 8 गाडिय़ां मंडल में चल रही हैं। जिनके बिल पास करने की एवज में कोटा रेलवे मंडल में कार्यरत सीनियर सेक्शन इंजीनियर घनश्याम शर्मा 35 हजार रुपए मांग रहे हैं। जब भी गाडिय़ों के बकाया बिल के बारे में बात करता हूं तो घनश्याम शर्मा कहते है, मुझे तेरे मालिक यानी कम्पनी के एमडी पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है।
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यदि, तुम गाड़ी के बिलों का कमीशन 7 प्रतिशत के हिसाब से मेरा व बिल बनाने और पास करने वाले अधिकारियों का ले आएगा तो समय पर बिलों का भुगतान करवा दूंगा। वरना तुम्हारे बिल यूं ही अटके रहेंगे। इस पर एसीबी ने वर्ष 2020 में 4 बार शिकायत का गोयनीय सत्यापन करवाया। 7 जनवरी, 2 फरवरी, 12 नवम्बर तथा 16 दिसम्बर को हुए सत्यापन में शिकायत की पुष्टि हुई। जिसमें आरोपी सीनियर सेक्शन इंजीनियर घनश्याम ने 7 प्रतिशत के हिसाब से प्रतिमाह बिल के 10 हजार रुपए के हिसाब से राशि की मांग की। इस पर एसीबी ने ट्रैप के लिए जाल बिछाया।
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सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने फरियादी को अपने निजी आवास पर रिश्वत राशि लेकर बुलाया और आवास के बाहर आकर फरियादी से 35000 रुपए की घूस ली। परिवादी का इशारा मिलते ही एसीबी टीम ने घनश्याम शर्मा को दबोच उसके कब्जे से रिश्वत राशि बरामद कर ली। मौके पर ही कार्रवाई जारी है। एएसपी ठाकुर ने बताया कि रिश्वत लेनदेन वार्ता में कोटा रेल मंडल के अन्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, जिसकी जांच की जा रही है। कार्रवाई के दौरान टीम में उप अधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा, पुलिस निरीक्षक नरेश चौहान सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।