Flood in Rajasthan: मृतक आश्रित को 5 लाख और घायलों को मिलेगा 2 लाख का मुआवजा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की बाढ़ प्रभावित इलाकों के हालात की समीक्षा
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री कोष से आर्थिक सहायता देने की घोषणा की
- फसल खराबे का आंकलन युद्ध स्तर पर कर जल्द से जल्द गिरदावरी भिजवाने के दिए निर्देश
TISMedia@Jaipur मरुधरा पर बारिश के चलते मची तबाही के शिकार हुए लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में मरने वालों को 5 लाख और घायलों को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पूरे प्रदेश में बाढ़ के हालातों की समीक्षा की। उन्होंने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि बाढ़ फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए जितने भी संसाधनों की जरूरत पड़े तत्काल इस्तेमाल किए जाएं।
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में बाढ़ के हालातों की शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित लोगों को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य आपदा प्रबंधन नियमों के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता में इजाफा करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ नॉर्म्स के तहत बाढ़ की चपेट में आकर घायल होने वालों को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जाती, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री सहायता कोष से घायलों को दो लाख रुपए दिए जाएंगे। वहीं एसडीआरएफ नॉम्स के तहत मृतकों को मिलने वाली 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के साथ एक लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी देने की घोषणा की।
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सीएम ने लिया बाढ़ का फीडबैक
आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग की वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित कोटा और भरतपुर संभाग के सभी जिलों के आला अफसरों के साथ वार्ता कर हालात की समीक्षा की। उन्होंने कोटा और भरतपुर के संभागीय आयुक्त, आईजी, जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों से राहत कार्यों का फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है। संकट की इस घड़ी में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है उनकी हरसंभव मदद की जाएगी। फसलों को हुए नुकसान के आकलन के लिए विशेष गिरदावरी के आदेश दे दिए गए हैं ताकि प्रभावितों को मुआवजा दिलाने की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जा सके।
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प्रभावितों को मिले तत्काल राहत
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर वास्तविक स्थिति का जायजा लें और पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध करवाएं। जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें तत्काल अस्थाई आवासों में शिफ्ट करवाया जाए। लोगों को खाने की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही बांधों से पानी छोड़े जाने से पहले प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में पर्याप्त व्यवस्थाएं की जाएं। जरूरत पड़ने पर सेना एवं एनडीआरएफ की टीमों की तुरन्त मदद ली जाए। क्षतिग्रस्त पुल और सड़कों की प्राथमिकता से मरम्मत करवाई जाए। इस दौरान उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया, आपदा प्रबंधन एवं सहायता राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली एवं कृषि राज्य मंत्री भजनलाल जाटव आदि लोग मौजूद रहे।