कोरोना: अस्पताल जाने में न करें देरी, यह लक्षण दिखते ही हो जाएं होम आइसोलेट…

कोटा. कोरोना का लगातार बढ़ता प्रकोप भयावह होता जा रहा है। साथ ही अस्पतालों की हालत भी खराब होती जा रही है। अस्पतालों में बेड की कमी के चलते मरीजों को परेशान भी होना पड रहा है। ऐसे मे आइए जानते है कि कोरोना के लक्षण दिखने पर क्या करना चाहिए, कब हमें आइसोलेट होना चाहिए, क्या करना चहिए होम आइसोलेशन में और कब अस्पताल जाना चाहिए।

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शुरूआती लक्षण और होम आइसोलेशन में क्या करें
विशेषज्ञों की मानें तो बुखार, जुखाम जैसे शुरूआती लक्षण दिखने पर सबसे पहले खुद को आइसोलेट करना चाहिए। साथ ही खांसी या बुखार आने पर तुरंत कोविड-19 की जांच करवाने के साथ ही डॉक्टर से परामर्श लें। जाहिए। डॉक्टर्स की सलाह है कि होम आइसोलेशन के दौरान समय पर दवा लें। ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। शरीर में वायरस के एक्टिव रहने के कारण हो सकता है कि दवा लेने के बाद भी तापमान कम ना हो। अपने शरीर का ऑक्सीजन सेचुरेशन और तापमान चेक करते रहे।

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कब जाएं अस्पताल?
दरअसल एक्सपर्ट्स बताते है कि 5 प्रतिशत से भी कम मरीजों को अस्पताल जाने की जरूरत होती है। एक्सपर्ट्स ने बताया कि पांच दिन तक भी अगर तापमान 100 डिग्री से ज्यादा और 92 प्रितशत से कम ऑक्सीजन सेचुरेशन हो, सीने में दर्द और सांस फूलने जैसे लक्षण होने पर मरीज को भर्ती कराना पड़ सकता है। फेफड़ो में संक्रमण का पता लगाने के लिए बताया कि पहले शरीर में पल्स रेट और ऑक्सीजन लेवल जांच लें। जांचने के बाद छह मिनट वॉक करें। वॉक के तुरंत बाद दोबारा पल्स रेट और ऑक्सिजन लेवल की जांच करें। यदि इसमें पांच अंको की गिरावट आति है तो संभावना है कि फेफड़ो में निमोनिया हो सकता है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि बीमारी के 5 से 6 दिन तक लक्षण होने पर सीटी स्कैन करवा सकते है। डॉक्टर से इस के लिए परामर्श लें।

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