कोटा मेडिकल कॉलेज रैगिंग: MBBS के तीन सीनियर्स को 1 महीने के लिए किया सस्पेंड
हॉस्टल भी करना होगा खाली, 6 महीने के लिए स्कॉलरशिप भी छिनी
- निलंबन खत्म होने के बाद भी परिजनों को लेनी होगी जिम्मेदारी, भरना होगा रैगिंग न करने का बांड
- तीन क्लास रिप्रजेंटेटिव को भी हटाया, सिक्योरिटी गार्ड ने की थी शिनाख्त, बाकी की तलाश अभी जारी
TISMedia@Kota कोटा मेडिकल कॉलेज में जूनियर स्टूडेंट्स के साथ रैगिंग करने वाले एमबीबीएस के तीन सीनियर स्टूडेंट्स की पहचान हो गई। जिसके बाद उन्हें कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने 1 महीने के लिए कॉलेज से निकाल दिया है। इतना ही नहीं रैगिंग के आरोपी छात्रों से 6 महीने के लिए हॉस्टल और स्कॉलरशिप भी छीन ली गई है। दोबारा इन्हें तभी कॉलेज में आने दिया जाएगा जब इनके माता-पिता भविष्य में दोबारा ऐसी हरकत न करने का बॉड भरेंगे।
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19 जुलाई को सोशल मीडिया पर एक वीडियो अचानक वायरल होने लगा। इस वीडियो में कोटा मेडिकल कॉलेज के सीनियर स्टूडेंट्स जूनियर स्टूडेंट्स की भीड़ इकट्ठा कर उनकी रैगिंग ले रहे थे। पड़ताल करने पर पता चला कि वीडियो में दिख रहे छात्र एमबीबीएस के हैं। वीडियो में कई जूनियर स्टूडेंट्स मुर्गा बनते हुए भी दिखाई पड़े। वीडियो वायरल होते ही कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया।
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एक्शन में आई रैगिंग कमेटी
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉक्टर विजय सरदाना ने बताया कि रैगिंग के वीडियो की जानकारी मिलते ही सबसे पहले एंटी रैगिंग स्वायड से मामले की जांच करवाई। डॉ. सुधा पंकज मीणा और डॉ. राजेंद्र ताखर ने 24 घंटे में ही अपनी जांच एंटी रैगिंग कमेटी को सौंप दी। जिसके बाद एंटी रैगिंग कमेटी ने इसे एक्शन इनीशिएटिव कमेटी को सौंप दिया। इसी कमेटी के पास रैगिंग के मामलों में निर्णय लेने का अधिकार होता है।
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तीन पर गिरी गाज
एक्शन इनीशिएटिव कमेटी के सदस्यों मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय, एकेडमिक इंचार्ज डॉ. दीपिका मित्तल, डॉ. बीएस शेखावत, डॉ. गुलाब कंवर व डॉ. राजीव सक्सेना की टीम ने बुधवार को बैठक कर एंटी रैगिंग स्क्वायड की रिपोर्ट पर निर्णय लेते हुए रैगिंग करने वालों में शामिल तीन छात्रों जतिन चौधरी, आदित्य सामोटा और पवन खांडे को एक महीने के लिए कॉलेज की सभी तरह की शैक्षणिक और अशैक्षणिक गतिविधयों से एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया। इतना ही नहीं रैगिंग के दोषी पाए गए तीनों छात्रों की स्कॉलरशिप भी छह महीने के लिए बंद करने के साथ ही हॉस्टल से भी निकाल दिया गया है। यही तीनों छात्र एमबीबीएस के साल 2019 बैच के विद्यार्थी हैं।
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जांच अब भी जारी
एक्शन इनीशिएटिव कमेटी के सदस्य डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय ने बताया कि वीडियो के आधार पर अभी सिर्फ तीन आरोपियों की शिनाख्त हो सकी है। जबकि रैगिंग की इस घटना में जूनियर्स की भीड़ को देखते हुए लगता है कि सीनियर्स की संख्या भी इनसे कहीं ज्यादा होगी। बाकी दोषियों की शिनाख्त करने के लिए अभी जांच जारी है। इसके साथ ही रैगिंग रोकने के लिए बनाए गए तीन क्लास रिप्रेजेंटेटिव हिमानी शर्मा, प्रज्ञा टांक व यशवर्धन मारवाल को अपनी जिम्मेदारी न निभा पाने के कारण पद से हटा दिया गया है।