RPSC घूस कांडः तो, आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर घूस लेकर पास करवा रहीं थी RAS का इंटरव्यू!
एसीबी की पूछताछ में राजस्थान लोक सेवा आयोग के जूनियर क्लर्क ने किया बड़ा खुलासा
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- राजकुमारी गुर्जर के कथित पीए नरेंद्र पोसवाल को भी एसीबी ने किया गिरफ्तार
- पूछताछ में आया सामने, नरेंद्र ही राजकुमारी तक पहुंचाता था घूस की रकम
TISMedia@Ajmer राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission) में घूसखोरी के मकड़जाल की जड़ें बेहद गहरी निकलीं। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) का इंटरव्यू पास कराने के लिए 25 लाख रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोचे गए आरपीएससी (RPSC) की लेखा शाखा के जूनियर क्लर्क के खुलासे के बाद एसीबी के हाथ भाजपा सरकार में आयोग की सदस्य बनाई गई राजकुमारी गुर्जर तक जा पहुंचे हैं। क्लर्क ने बयान दिया है कि उसने राजकुमारी के नाम पर ही उनके कथित पीए नरेंद्र पोसवाल के कहने पर परिवादी से 23 लाख की घूस मांगी थी। फिलहाल एसीबी ने पोसवाल को भी गिरफ्तार कर लिया है।
रेवेन्यू बोर्ड के बाद राजस्थान में घूसखोरी की जड़ें लोक सेवा आयोग तक जा पहुंची हैं। आयोग में चल रहे राजस्थान प्रशासनिक सेवा RAS 2018 के साक्षात्कारों में अच्छे मार्क्स दिलाकर सिलेक्शन की गारंटी देने के नाम पर घूस ले रहे आयोग के जूनियर क्लर्क कम अकाउन्टेंट को एसीबी ने 23 लाख की घूस लेते हुए शुक्रवार को रंगे हाथ दबोचा था।
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राजकुमारी गुर्जर तक पहुंची आंच
आरपीएससी घूसकांड की आंच आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर तक जा पहुंची है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुलदीप ने बताया कि एसीबी की गिरफ्तर में आए जूनियर क्लर्क कम एकाउंटेंट सज्जन सिंह गुर्जर ने पूछताछ के दौरान एसीबी को बताया कि आयोग की मेंबर राजकुमारी गुर्जर व उनके रिटायर्ड पुलिस अधिकारी पति भेरो सिंह गुर्जर से अच्छे ताल्लुक बताकर उनके नाम ही घूस लेता था। अभ्यार्थियों से घूस लेने के बाद वह राजकुमारी के कथित पीए नरेंद्र पोसवाल को रकम पहुंचाता था। पोसवाल उसे राजकुमारी और उसके पति तक। इस घूसकांड में शामिल इस दूसरे आरोपी को भी एसीबी ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद आयोग की सदस्य भी इस घूसकांड में फंसती नजर आ रही हैं।
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एसीबी को मिली 5 दिन की रिमांड
एसीबी ने शनिवार शाम को दोनों आरोपियों को एसीबी कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें 5 दिन यानि 14 जुलाई तक के लिए एसीबी को रिमांड पर सौंप दिया गया। रिमाड मिलने के बाद एसीबी अब इस घूसकांड के असली आकाओं की तलाश करने के लिए जांच में जुट गई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुलदीप ने बताया कि खुद को आरपीएससी की मेंम्बर राजकुमारी गुर्जर का कथित पीए बताने वाले नरेंद्र पोसवाल से पूछताछ की गई तो पता चला कि वह सज्जन के पड़ौसी गांव का रहने वाला है और सिकंदरा टोल नाके पर सुपरवाइजर का काम करता है। इसी के जरिए वह बडे़ लोगों से सम्पर्क बनाता है और घूसखोरी के जाल में फंसाता है।
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कौन हैं राजकुमारी गुर्जर
आरपीएससी घूसकांड में शक के घेरे में आईं आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर का शुमार भाजपा की दिग्गज महिला नेत्रियों में किया जाता है। वह भाजपा के महिला मोर्चा की प्रदेश सचिव और प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ-साथ दौसा और भरतपुर जिले की प्रभारी भी रह चुकी हैं। राजकुमारी गुर्जर के पिता उमरावसिंह गुर्जर जनता पार्टी की सरकार के दौर में महवा के विधायक रह चुके हैं। वसुंधरा सरकार में इन्हें 7 दिसम्बर 2016 को आरपीएससी का मेंबर बनाया गया था।
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राजकुमारी के पति से जुड़े हैं सज्जन के तार!
जांच में सामने आया कि आरपीएससी मेंबर राजकुमारी गुर्जर के पति भैरो सिंह गुर्जर दिल्ली में यूनियन टेरेटरी कैडर के आईपीएस अफसर थे। वह फिलहाल सेवानिवृत हो चुके हैं। लेकिन, एसीबी की सुई तब अटकी जब जांच के दौरान पता चला कि लाखों की घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोचा गया जूनियर क्लर्क कम एकाउटेंट सज्जन सिंह भी मूलतः दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल है। राजकुमारी के आयोग का सदस्य बनने के बाद ही सज्जन लेखा सेवा के जरिए करीब 3 साल पहले प्रतिनियुक्ति पर आरपीएससी में आया था। ऐसे में एसीबी को शक है कि कहीं सज्जन के तार दिल्ली पुलिस के जरिए राजकुमारी गुर्जर के पति से तो नहीं जुड़े।