मुख्यमंत्री जी! इलाज के लिए एंबुलेंस तो छोड़ो अंतिम संस्कार के लिए शव वाहन तक नहीं मिल रहा…

झालावाड़. कोरोना कहर के बीच अमानवीयता का एक और चेहरा सामने आया है। झालावाड़ जिले में कोरोना संक्रमित एक महिला की मौत हो गई। मृतका के पुत्र व परिजनों ने शव को मुक्तिधाम तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई। लेकिन, घंटों इंतजार के बाद भी एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। मजबूरी में मृतका के दो बेटों को ही ठेले में अपनी मां का शव रखकर मुक्तिधाम ले जाना पड़ा।

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मृतका के पुत्र दिनेश कुमार ने बताया कि उनकी मां अर्पणा सुशांतो (50 ) कोरोना से पीडि़त थी। सांस लेने में तकलीफ होने के कारण 30 अप्रेल को कोविड सेंटर ढाबला खींची में भर्ती करवाया था। वहां दिनेश के मामा भी वही भर्ती थे। जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। भाई की मौत से दुखी मां ने उन्हें घर ले जाने को कहा। इस पर वे मां को घर ले आए थे। शनिवार दोपहर को मां की मौत हो गई। पुलिस प्रशासन तथा चिकित्सा विभाग से एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सूचना दी। लेकिन, घंटों इंतजार के बाद भी एम्बुलेंस नहीं मिली। आखिरकार ठेले पर ही मां का शव रख मुक्तिधाम ले जाना पड़ा।

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वहीं, ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. अंकुर सोमानी ने कहा कि महिला को कोविड सेंटर में उसके परिजन 2 मई को छुट्टी करवाकर घर लेकर चले गए थे। कोविड सेंटर में किसी संक्रमित मरीज की मौत होने पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव को श्मशान पहुंचाया जाता है और गाइड लाइन के अनुसार शव का अंतिम संस्कार कराया जाता है।

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