राजस्थानः कांग्रेस राज में मलाई काट रहे भाजपाई, विरोध किया तो जमकर चले जूते

राजसमंद में भाजपा कार्यकर्ता को कांग्रेसियों ने मनोनीत कर दिया पार्षद

TISMedia@Rajsamand कांग्रेसियों की अजब कहानी है। राजस्थान में राज भले ही उनका है, लेकिन मलाई भाजपाई काट रहे हैं। यकीन न आए तो राजमंद के मनोनीत पार्षदों की लिस्ट को देखा जा सकती है। राजमंद के कांग्रेसियों का आरोप है कि पार्टी को मनमर्जी से चला रहे कुछ आला नेताओं ने विपक्षी दलों में बैठे अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए उन्हें कथित रूप से पार्टी में शामिल कर पार्षद बना डाला। आरोप प्रत्यारोप का दौर इस कदर बढ़ा कि मोदी सरकार की विरोध के लिए बुलाई गई बैठक में कांग्रेसियों के बीच ही जूतम-पैजार होने लगी। नतीजन, पुराने कांग्रेसियों को निष्कासन झेलना पड़ा।

राजसमंद में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदेश स्तरीय विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन बैठक में कांग्रेसी ही आपस में उलझ बैठे। विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत धक्का-मुक्की और हाथापाई तक आ गई।

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प्रभारी के सामने चले जूते 
दरअसल हुआ यूं कि राजसमंद प्रभारी पुष्पेंद्र भारद्वाज ने केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक शुरु हुई तो युवा कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष दिलीप जोशी ने अपनी ही पार्टी पर भाजपा नेताओं को तवज्जो देने का आरोप लगा दिया। जोशी ने  यहां तक कहा कि पार्टी ने कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर अपने चहेते भाजपा नेताओं को पार्षद तक मनोनीत कर दिया। मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि बैठक में आए कांग्रेसी दो फाड़ हो गए और आपस में ही उलझ बैठे। इससे नाराज पुष्पेंद्र भारद्वाज ने दिलीप जोशी को बैठक से बाहर निकल जाने को कहा तो जोशी का विरोधी खेमा उनके साथ धक्का मुक्की करने लगा। जोशी को बचाने के लिए उनके समर्थक भी मैदान में कूंद पड़े और फिर क्या था देखते ही देखते दोनों गुटों में जमकर जूतम-पैजार होने लगी। इस झगड़े में दिलीप जोशी की पीठ पर चोट लगने से घाव तक हो गया।

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जोशी को किया निष्कासित
कांग्रेस की संगठनात्मक बैठक के बाद राजसमंद प्रभारी पुष्पेंद्र भारद्वाज ने दिलीप जोशी को सभी पदों से निष्कासित कर दिया। भारद्वाज ने बताया कि जोशी ने नियमों की अवहेलना कर सार्वजनिक मंच पर पार्टी की छवि को खराब करने की कोशिश की है। ऐसे में उनके खिलाफ पार्टी के नियमों के आधार पर ही कार्रवाई की गई है। हालांकि भारद्वाज ने बैठक में मारपीट या फिर किसी भी कार्यकर्ता के साथ हाथापाई और धारदार हथियार से जोशी की पिटाई की बात को सिरे से खारिज कर दिया।

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जोशी गुट ने भारद्वाज को घेरा 
वहीं दूसरी ओर दिलीप जोशी गुट ने राजसमंद प्रभारी पुष्पेंद्र भारद्वाज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दिलीप जोशी ने पार्टी के आला पदाधिकारियों पर अपने चहेते भाजपाइयों को राजनीतिक नियुक्तियों में फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभारी के इशारे पर पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर भाजपा के नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां दी जा रही है। जो न सिर्फ गलत हैं, बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का अपमान भी हैं। इसीलिए जब तक यह सब नहीं रुकता तब तक इसका पुरजोर विरोध करूंगा। वहीं दूसरी ओर राजसमंद कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियों से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए कथित पार्टी कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां दिए जाने का विरोध बढ़ता जा रहा है।

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