Rajasthan Budget 2023: अनाथ बच्चों को मिलेगी सरकारी नौकरी, संविदा कर्मी होंगे पक्के

बजट में गहलोत ने 8 लाख कर्मचारियों को साधा, नई भर्तियों के रास्ते खोले

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मौजूदा सरकार का अंतिम बजट पेश किया। चुनावी साल में लाए गए इस बजट के माध्यम से सरकार ने राज्य के हर वर्ग को खुश करने की को कोशिश की गईं। लोक-लुभावन इस बजट में मुफ्त राशन, सस्ते सिडेंर, मुफ्त बिजली-पानी, मुफ्त इलाज जैसी घोषणाओं के साथ ही कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को सरकारी नौकरी और संविदा कर्मियों को स्थायी करने जैसे किई बड़े ऐलान किए गए।

मुख्यमंत्री के साथ ही वित्त विभाग का दायित्व भी संभाल रहे गहलोत की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार का यह पांचवां एवं अंतिम बजट है। पहली बार राज्य के सभी सरकारी और निजी कॉलेजों में बजट को लाइव दिखाया गया। सरकार का कहना है यह बजट ‘बचत, राहत, बढ़त’ (Bachat, Rahat, Badhat) वाला बजट है, जो युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित है। राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। गहलोत कह चुके हैं कि आगामी (वित्त वर्ष 2023-24) बजट युवाओं एवं महिलाओं पर केंद्रित होगा और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।

बवाल से हुई शुरुआत 
सुबह 11 बजे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आज वित्त वर्ष 2023-34 के लिए बजट पेश करते ही सदन में हंगामा हो गया। विपक्ष ने सीएम गहलोत पर पुराना बजट भाषण पढ़ने का आरोप लगाया। विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित रहने के बाद फिर से शुरू हो गई है।

प्रमोशन स्केल तय 
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल के आखिरी बजट के जरिए प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों को साधने की कोशिश की है। सीएम ने इस बजट में कर्मचारियों का विशेष ध्यान रखा और कई अहम घोषणाएं की। जिससे प्रदेश के कर्मचारियों को लाभ होगा। सीएम ने कहा- राज्य में ओपीएस का दायरा बढ़ाया जाएगा। अब निगम, बोर्ड, आयोग और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को भी ओपीएस का लाभ दिया जाएगा। दावा किया की कि इससे 90 हजार कर्मचारियों को फायदा होगा। सीएम ने कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में नए स्केल की घोषणा भी की है। आर यू एच एस में ओपीडी की निर्धारित सीमा भी तय करने की बात सीएम ने सदन में कही। उन्होंने कहा कि सीमा 20,000 से बढ़ाकर 30,000 की गई है। वहीं राज्य में महात्मा गांधी मिनिमम गारंटी योजना को लागू किया जाएगा। इसके अलावा राजस्थान में 30 हजार सफाईकर्मियों की भर्ती की जाएगी। घोषणा की कि जयपुर में जेएनवी मीडिया सेंटर एंड हब बनाया जाएगा। इसके अलावा संविदाकर्मी भी स्थायी किए जाएंगे। इसके साथ ही उन्हें पुराने अनुभव का भी फायदा दिया जाएगा।

पेपर लीक रोकने को एटीएफ 
उम्मीद के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए अलग से टास्क फोर्स बनाने का ऐलान किया है। युवाओं को समयबद्ध रूप से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हम प्रयासरत हैं। लेकिन कभी कभी कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से पेपर लीक होने की घटनाएं होती हैं। इन्हें रोकने के लिए एसओजी के अधीन आधुनिक साधनों से सुसज्जित स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने की घोषणा करता हूं।’

भर्ती फीस खत्म 
सभी भर्तियां सुचारू रूप से हो इसके लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग और राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग बोर्ड के सुदृढ़ीकरण के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। हर जिले में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र बनाने का ऐलान किया गया है। युवाओं द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रणाली के माध्यम से एक बार फीस देने पर सभी भर्ती परीक्षाएं निशुल्क होंगी। इस पर करीब 200 करोड़ रुपए का वित्तीय भार सरकारी खजाने पर आएगा। सीएम ने कहा कि अगले साल 100 मेगा जॉब फेयर लगाए जाएंगे और प्रदेश के प्रमुख कॉलेजों में कैंपस प्लेसमेंट की व्यवस्था होगी। विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली और जिला मुख्यालयों में छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। डिजिटल लाइब्रेरी की भी घोषणा की गई है।

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