Rajasthan: अंग्रेजी शराब-बीयर सस्ती और देसी पव्वा होगा महंगा, आबकारी नीति का विरोध

Jaipur. राजस्थान की गहलोत सरकार ने नई आबकारी नीति में बदलाव किए हैं। जिसके तहत देश में बनने वाली अंग्रेजी शराब पर लगने वाली अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी को खत्म करने का फैसला किया गया है। वहीं, दूसरी तरह देसी शराब की कीमते बढ़ाई हैं। जिसे लेकर सूबे में विवाद शुरू हो गया है।

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राजस्थान में नई आबकारी नीति लागू होने से पहले विवादों में आ गई है। इसके तहत अंग्रेजी शराब और बियर सस्ती हो जाएगी, वहीं देसी शराब की कीमतों में इजाफा होगा। नई आबकारी नीति के मुताबिक अब बार लाइसेंस तीन महीने के लिए जारी होगा। इसे शॉर्ट टर्म लाइनसेंस नाम दिया गया है। नई आबकारी नीति एक अप्रैल से लागू होगी।

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क्या होगा बदलाव का असर
संशोधित नियम के तहत एक अप्रैल से राजस्थान निर्मित और देसी शराब के पव्वे पर 2 रुपये का इजाफा होगा। वहीं, देश में बनने वाली अंग्रेजी शराब 20 रुपये तक सस्ती मिलेगी। इसी तरह बियर के दाम में भी काटौती की गई है। अब तक प्रदेश में बार चलाने वालों को एक साल का लाइसेंस दिया जाता, लेकिन अब ये लाइसेंस तीन महीने के लिए दिया जाएगा। इससे उन लोगों को फायदा होगा, जिन्हें बार शुरू करने के बाद रेवेन्यू नहीं मिलता है और वे पूरी साल घाटा उठाते रहते हैं। अब अगर बार शुरू करने के तीन महीने तक रेवेन्यू नहीं आता है तो उसका मालिक लाइसेंस रिन्यू नहीं कराने का फैसला भी ले सकता है।

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ज्यादा शराब बेचने का होगा दबाव
राजस्थान लिकर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष निलेश मेवाड़ा ने कहा नई आबकारी नीति से बार कल्चर को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में जो शराब दुकानें चल रही हैं, उनकी रिन्यूअल फीस 15 फीसदी बढ़ाई जा रही है। 15 फीसदी की गारंटी बढ़ते ही दुकान संचालकों पर ज्यादा शराब बेचने का दबाव बनेगा, लेकिन हम बेच नहीं पाएंगे।

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लाइसेंस रिन्यू शुल्क में कटौती, विरोध
नए संसोधित नियम में लाइसेंस रिन्यू शुल्क में भी कटौती की गई है। अब तक बार चलाने वाले संचालकों को एक साल का लाइसेंस दिया जाता था। अगर, वह एक साल छोड़कर लाइसेंस रिन्यू कराते थे तो उन्हें बीते साल का भी पूरा शुल्क देना पड़ता था, लेकिन अब इसमें कटौती कर सिर्फ 25 फीसदी कर दिया गया है। आबकारी नीति में नए बदलावों को लेकर जस्टिस फॉर छाबड़ा संगठन सम्पूर्ण शराबबंदी आंदोलन की अध्यक्ष और राजस्थान लिकर वेलफेयर सोसायटी ने आपत्ति जताई है। शराबबंदी आंदोलन की अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा ने कहा कि शराबबंदी करने की जगह प्रदेश में इसे बढ़ावा दिया जा रहा है। ये प्रदेश के युवाओं का भविष्य खराब करने वाली नीति है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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