बड़ी खबरः गड्ढों से होने वाले सड़क हादसों के जिम्मेदार होंगे कलक्टर, माना जाएगा सांविधानिक अत्याचार

TISMedia@Kochi खस्ता हाल सड़कों पर होने वाले हादसों के लिए जिलाधिकारी (जिला कलक्टर) सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में केरल हाईकोर्ट ने यह बात कही। केरल हाईकोर्ट के जस्टिस देवन रामचंद्रन ने गड्ढों के लिए साफ तौर पर भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए जिले के प्रशासनिक मुखिया को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि खराब सड़कों की प्रमुख वजह भ्रष्टाचार या लापरवाही है। अगर कोई भ्रष्ट है, तो कोई और मरेगा। मैं ऐसा नहीं होने दे सकता।

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सड़क हादसों को लेकर राज्य सरकारों और केंद्र के बीच अक्सर विवाद उठता रहता है। दोनों सरकारें हादसों की जिम्मेदारी तय करने के बजाय अधिकार क्षेत्र को लेकर अक्सर लड़ती रहती हैं। ऐसा ही एक मामला केरल हाईकोर्ट पहुंचा। जहां एर्नाकुलम जिले के नेदुंबस्सेरी नेशनल हाइवे पर गड्ढे के कारण 52 साल के परवूर निवसी हाशिम की मौत हो गई थी। अंगमाली-एडापल्ली रोड़ के पास नेशनल हाइवे पर यह हादसा हुआ। इस हादसे में स्कूटर सवार के गड्ढे में फंसकर गिरने के बाद एक लॉरी ने उसको कुचल दिया था।

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जमकर हुआ विवाद 
इस हादसे के बाद केरल लोक निर्माण विभाग ( Public Works Department) और पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने कहा कि नेशनल हाइवे पर गड्ढों के लिए ठेकेदार पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के ठेकेदारों पर PWD ने सख्त कार्रवाई की है। केंद्र सरकार को भी ऐसे ठेकेदारों पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेशनल हाइवे की समस्याओं में PWD इंटरफेयर नहीं कर सकता है। अगर PWD इस प्रकार के कदम उठाता है तो यह संघीय कानूनों का उलंघन होगा। वैसे ठेकेदार, जो कानून का उल्लंघन करते हैं, उनको ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए और उनके नाम और नंबर को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उन्होंने पूछा कि केंद्र सरकार इस प्रकार के ठेकेदारों को क्यों बचा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। हालांकि इस मामले पर केंद्र ने अब तक चुप्पी साध रखी है।

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एनएचएआई को भी ठहराया जिम्मेदार 
केरल के इंडस्ट्री और लेबर मंत्री पी राजीव ने इस घटना पर कहा कि नेशनल हाइवे पर गड्ढे में गिरने से एक व्यक्ति की मौत का मामला गंभीर है। ये सड़के वैसी हैं, जो टोल वसूल कर काम करती हैं। इसको मेंटेन करने की जिम्मेदारी संबंधित कंपनियों की होती है, जो अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही हैं। NHAI को संबंधित कंपनियों पर कार्रवाई करने से नहीं डरना चाहिए।’

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कोर्ट हुआ तल्ख
जस्टिस देवन रामचंद्रन ने सड़क हादसे से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसे हादसों को रोकने में भारत सरकार और खासतौर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की विशेष भूमिका है। कोई राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसे में घायल होता है या मारा जाता है, तो इसे सांविधानिक अत्याचार माना जाना चाहिए। कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार को अपना रुख बताने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि ज्यादातर मामलों में खराब सड़कों की प्रमुख वजह भ्रष्टाचार या लापरवाही है। अगर कोई भ्रष्ट है, तो कोई और मरेगा। मैं ऐसा नहीं होने दे सकता।

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डीएम होंगे जिम्मेदार 
केरल हाईकोर्ट ने कहा कि गड्ढों की वजह से होने वाली हर सड़क दुर्घटना के लिए जिला कलेक्टर (डीएम) जिम्मेदार होंगे। कोर्ट ने एक आदेश में कहा कि इसे रोकने के लिए डीएम को आपदा प्रबंधक प्राधिकरण के चेयरमैन को हर सड़क का दौरा करने का निर्देश देना चाहिए। केरल हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद पूरे देश में जिलाधिकारियों की जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है।

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