रिश्तेदार ही निकला दरिंदा, 12 साल की मासूम को बनाया हवस का शिकार, कोर्ट ने दी 16 साल की सजा

– न्यायालय ने की कड़ी टिप्पणी : विश्वासपूर्ण रिश्ता अभियुक्त ने किया तार-तार
– नरम रुख अपनाना न्यायोचित नहीं
कोटा. 12 वर्ष की मासूम बच्ची के साथ घिनौना काम करने के आरोपी को कोर्ट ने कठोर कारावास से दंडित किया है। साथ ही न्यायालय ने सख्त टिप्पणी भी की है। पोक्सो न्यायालय क्रम-1 ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में आरोपी को 16 वर्ष का कठोर कारावास तथा 20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया है।
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विशिष्ट लोक अभियोजक प्रेमनारायण नामदेव ने बताया कि 14 जून 2013 को परिवादी ने शहर के एक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया कि 13 जून 2013 को उसका दूर का रिश्तेदार संतोष जो उसके साथ उसी फैक्ट्री में काम करता था। वह घर आया और पत्नी की डिलीवरी होने की बात कहकर उसकी बेटी को खाना बनाने के लिए उसके साथ भेजने को कहा। इस पर परिवादी ने उसकी 12 वर्षीय बच्ची को संतोष के साथ भेज दिया। आरोपी ने उसके साथ गलत काम किया। रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। अनुसंधान में पाया कि आरोपी संतोष ने बच्ची के साथ बलात्कार किया।
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इस मामले में न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि आरोपी पीडि़ता का रिश्तेदार लगता है, ऐसे विश्वास पूर्ण रिश्ते को अपनी ही रिश्तेदार पीडि़ता से बलात्कार जैसी घटना कारित करना संपूर्ण रिश्तों को ही तार-तार नहीं करता, बल्कि इससे समाज में रिश्तेदारी से लोगों का विश्वास भी क्षीण होता है।
न्यायालय के मत में प्रकरण में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख अपनाया जाना न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है। न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद संतोष को 16 वर्ष के कठोर कारावास तथा 20 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। जुमार्ना अदा नहीं करने पर 2 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।